खबर संसार नई दिल्ली: देश में करोनो के आंकड़े जिस तेजी लगातार बढ़ रहे हैं, निश्चत ही ये आंकड़े डराने वाले हैं। लागों की अगर जिंदगी बचानी है तो उसका एक ही रास्ता है Vaccination। लेकिन देश के सभी लोगों तक टीका पहुंचेगा कैसे । इस समय भारत में करीब 19 लाख संक्रमित हैं अब तक पौने दो लाख लोगो की मौत हो चुकी है। ऐसे में 138 करोड़ की आबादी वाले देश के हर व्यक्ति का Vaccination कैसे होगा यह बड़ा सवाल है।
मनमोहन के सुझाव और Vaccination डिप्लोमैसी
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी केन्द्र सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं। उनका कहना है कि 45 वर्ष से भी कम उम्र के लोगों को भी टीकाकरण में शामिल किया जाना चाहिए। सरकार को वैक्सीन कंपनियों को छूट देने के साथ फंड भी उपलब्ध करवाना चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री के सवाल भी जायज हैं क्योंकि पिछले साल केन्द्र सरकार ‘ वैक्सीन डिप्लोमैसी ‘ के जरिए सरकार अपनी पीठ ठोंक रही थी। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि आज पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है। लेकिन ठीक अब उसके उलट हो रहा है।
अब तक 12 करोड़ से ज्यादा डोज
देश में इस समय करीब 12 करोड़ 38 लाख 52 हजार 566 डोज वैक्सीन के लगाए जा चुके हैं। इनमें हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 से 60 साल की उम्र के लोग तथा 60 साल से ऊपर की उम्र के लोग शामिल हैं। इनमें कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें दोनों डोज लग चुके हैं। कुछ ऐसे लोग भी जिन्हें पहली डोज ही लगी है। इस श्रेणी में ज्यादातर वे लोग हैं जो 45 से ऊपर की आयु के हैं। ऐसे में 138 करोड़ की आबादी वाले देश के हर व्यक्ति तक Vaccination कब तक और पहुंचेगी कैसे।
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सरकार ने वैक्सीन खरीदने के लिए 4500 करोड़ दिए
केंद्र ने वैक्सीन खरीदने के लिए 4500 करोड़ रुपए का पेमेंट किया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को 3000 करोड़ रुपए और भारत बायोटेक को 1500 करोड़ रुपए दिए गए हैं। यह पैसा दो-तीन महीने तक वैक्सीन की सप्लाई के लिए एडवांस के तौर पर दिया गया है। इससे पहले खबरें आ रहीं थी कि सरकार ने वैक्सीन निर्माता कंपनियों को ग्रांट दी है।
1 मई से सबका होगा टीकाकरण
सरकार ने वैक्सीनेशन पर भी बड़ा ऐलान किया है। 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोग वैक्सीन लगवा सकेंगे। सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अपनी 50% सप्लाई केंद्र को करेंगी। बाकी 50% सप्लाई वे राज्य सरकारों को दे सकेंगी या उसे ओपन मार्केट में बेच सकेंगी। वैक्सीनेशन के लिए कोविन के जरिए रजिस्ट्रेशन पहले की ही तरह जरूरी रहेगा। वैक्सीन की कमी न हो, इसके लिए राज्य सरकारों को कंपनियों से सीधे वैक्सीन खरीदने के अधिकार दे दिए गए हैं।