हल्दवानी, खबर संसार। प्रगतिशील भोजनमाता संगठन, उत्तराखंड (Bhojanamatye), नैनीताल अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में प्रदर्शन करेंगी।
8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय मजदूर महिला दिवस के दिन भोजनमाताऐ अपने न्यूनतम वेतन व स्थाई रोजगार के लिए गैरसैंण में प्रदर्शन करने जा रही है। 8 मार्च का दिन दुनिया भर की मजदूर महिलाओं के संघर्षों का दिन है। इन संघर्षों की बदौलत ही महिलाओं ने वोट देने का अधिकार व समान काम का समान वेतन का अधिकार हासिल किया था।
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लेकिन आज इतने सालों बाद भी भोजनमाताओं (Bhojanamatye) को इतना अधिक काम करने के बावजूद भी मात्र 2000 रुपये मानदेय के नाम पर दिये जा रहे है। जबकि हम भोजनमाताऐ पिछले 17-18 वर्षों से विद्यालय में खाना बनाने का कार्य कर रही है। भोजनमाताऐ अति गरीब परिवारों से आती हैं और आज इतनी महंगाई में मात्र 2000 रुपये में घर चलाना कितना मुश्किल है, कोई भी सहज समझ सकता है।
न्यूनतम वेतन व स्थाई रोजगार के लिए संघर्ष कर रही Bhojanamatye
भोजनमाताएं (Bhojanamatye) लंबे समय से न्यूनतम वेतन व स्थाई रोजगार के लिए संघर्ष कर रही हैं। लेकिन उत्तराखंड सरकार भोजनमाताओं का न्यूनतम वेतन लागू करने के वजाय भोजनमाताओं को निकालने के शासनादेश पास कर रही है। अतः हम भोजनमाताएं उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में चल रहे विधानसभा सत्र के समक्ष जाकर अपने न्यूनतम वेतन 15000 रुपये व स्थाई रोजगार की मांग को रखेंगी। ताकि विधानसभा में हमारी मांगो पर चर्चा कर हमारी माँग का पूरा किया जाए।
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