Friday, May 16, 2025
HomeLife Styleचैत Navratri : नवमी के दिन कर रहे हैं हवन तो इन...

चैत Navratri : नवमी के दिन कर रहे हैं हवन तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान

जी, हां 17 अप्रैल को नवरात्रि (Navratri) की नवमी तिथि है। इस दिन हवन के साथ ही नवरात्रि का समापन हो जाता है। नवरात्रि के अंतिम दिन हवन करने का शुभ परिणाम मिलता है। माना जाता कि इस दिन हवन करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि हवन करते समय किन सामग्री का इस्तेमाल करना चाहिए, हवन की सही विधि क्या है और हवन के बाद आप कौन से कार्य कर सकते हैं।

हवन सामग्री

आम की लकड़ी, आम के पत्ते, पीपल का तना, छाल, बेल, नीम, गूलर की छाल, चंदन की लकड़ी, अश्वगंधा, मुलैठी की जड़, कपूर, तिल, चावल, लौंग, गाय की घी, इलायची, शक्कर, नवग्रह की लकड़ी, पंचमेवा, जटाधारी नारियल, गोला और जौ आदि हवन में प्रयोग होने वाली सभी सामग्री जुटाएं।

Navratri के दिन हवन विधि

हवन पर बैठने वाले व्यक्ति को राम नवमी के दिन प्रातः जल्दी उठना चाहिए। शौच आदि से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करने चाहिए। वैदिक शास्त्रों में ऐसा लिखा है कि यदि हवन पति-पत्नी साथ में करें तो उसका विशेष फल प्राप्त होता है।

सबसे पहले किसी स्वच्छ स्थान पर हवन कुंड का निर्माण करें। हवन कुंड में आम लकड़ी और कपूर से अग्नि प्रज्जवलित करें। इसके बाद हवन कुंड में ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः का जाप करते हुए घी से माता के नाम की आहुति दें। इसी के साथ अन्य देवी-देवताओं के नाम की आहुति दें। इसके बाद संपूर्ण हवन सामग्री से 108 बार हवन सामग्री को आहुति दें।

हवन के बाद करें यह काम

हवन के बाद माता जी की आरती करें। इसके बाद माता को खीर, हलवा, पूड़ी और चने का भोग लगाएं। कन्याओं को भी भोजन कराएं। प्रसाद बांटें और उन्हें दक्षिणा देकर विदा करें।

राम नवमी का महत्व

राम नवमी का दिन भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह दिन भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विष्णु जी के अवतार प्रभु श्री राम की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। भक्तों के जीवन से सभी कष्ट कट जाते हैं।

इसके अलावा इस दिन Navratri का समापन भी होता है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन को महानवमी कहते हैं। इस दिन पूजा अर्चना करने से राम जी के साथ आदिशक्ति मां जगदम्बा की कृपा भी प्राप्त होती है।

धर्म शास्त्रों के अनुसार राम का नाम अमोघ है। इसमें ऐसी शक्ति है जो इस संसार के तो क्या,परलोकों के संकट काटने में भी सक्षम है।

माना गया है कि अंतिम समय में राम का नाम लेने वाला व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त होता है। भगवान श्री रामचंद्र जी का नाम इस कलयुग में कल्पवृक्ष अर्थात मनचाहा फल प्रदान करने और कल्याण करने वाला है।

अनादि काल से महादेव जिस नाम का स्मरण करते है और जिस नाम की महिमा का बखान भगवती पार्वती से किया हैं,जिनके सेवार्थ उन्होंने हनुमत रूप में अवतार लिया ऐसे प्रभु श्री राम का नाम लिखना, बोलना भवसागर से पार तो लगाता है ही साथ ही मनुष्य को समस्त प्रकार के दैहिक,दैविक एवं भौतिक तापों से मुक्ति प्रदान करता है।

इसे भी पढ़े-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रानीबाग स्थित एचएमटी फैक्ट्री का निरीक्षण किया

हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए क्लिक करें

RELATED ARTICLES
-Advertisement-spot_img
-Advertisement-spot_img
-Advertisement-
-Advertisement-
-Advertisement-spot_img
-Advertisement-
-Advertisement-spot_img

Most Popular

About Khabar Sansar

Khabar Sansar (Khabarsansar) is Uttarakhand No.1 Hindi News Portal. We publish Local and State News, National News, World News & more from all over the strength.