वॉशिंगटन, खबर संसार। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन (China) के बीच पिछले करीब आठ महीने से गतिरोध जारी है। इसी बीच अमेरिका के एक शीर्ष थिंकटैंक (think tank) ने अपनी बात सामने रखी है जो भारत के पडोसी देशों की साजिश की पोल खोल रहे हैं।
दरअसल थिंकटैंक (think tank) ने रिपोर्ट में कहा कि भारत-पाकिस्तान विवाद में चीन ने तटस्थ रुख नहीं अपनाया। मामले में चीन (China) ने अधिकतर पाकिस्तान का ही साथ दिया है, क्योंकि पाकिस्तान को समर्थन देने से एशिया में भारत की ताकत कम करने में मदद मिलती है।
चीन ने कश्मीर के मामले में पाकिस्तान के लिए अपना समर्थन दोगुना कर दिया
आगे थिंकटैंक (think tank) ने कहा कि खासकर पिछले साल, चीन ने कश्मीर के मामले में पाकिस्तान के लिए अपना समर्थन दोगुना कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार चीन (China) -भारत सीमावर्ती इलाके आगे भी चर्चा का विषय बने रहेंगे। चीन और भारत के संबंध और अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे और एशिया की दो सबसे बड़ी शक्तियां, पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए संघर्ष करेंगी।
दक्षिण एशिया में चीन की बढ़ती भूमिका का क्षेत्र की राजनीति, अर्थशास्त्र और सुरक्षा पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है और आने वाले दशकों में क्षेत्र में संघर्ष एवं उथल पुथल काफी बढ़ सकती है। यह बात थिंकटैंक ‘यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस’ ने बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की भागीदारी से क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करना एक सफल नीति बनाने और अमेरिका के हितों एवं मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए अहम होगा।
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रिपोर्ट एक द्विदलीय समूह द्वारा तैयार की गई है, जिसमें वरिष्ठ विशेषज्ञ, पूर्व नीति निर्माता और सेवानिवृत्त राजनयिक आदि शामिल हैं। रिपोर्ट ‘चायनाज इन्फ्लुएंस ऑन कॉन्फ्लिक्ट डायनामिक्स इन साउथ एशिया स्टेट्स’ में कहा गया है कि क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी से दक्षिण एशिया में स्थिति पहले ही बदलनी शुरू हो गई है।
यह एक ऐसे क्षेत्र के रूप में उभर रहा है, जहां अमेरिका-चीन और क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता हिमालय की ऊंचाई से लेकर हिंद महासागर की गहराई तक फैली है। यह पाया गया कि अमेरिका और चीन दोनों ही दक्षिण एशिया को महत्वपूर्ण मानते हैं हालांकि यह क्षेत्र दोनों की ही शीर्ष भू-राजनीतिक प्राथमिकता नहीं है।