नई दिल्ली, खबर संसार। जी, हांं सही पढ़ा़ आप ने सिटीबैंक (Citibank) ने कहा कि वह भारत में अपना कंज्यूमर बैंकिंग बिजनेस बंद करने जा रहा है। बैंक का कहना है कि यह उसकी ग्लोबल स्ट्रैटजी का हिस्सा है।
बैंक के कंज्यूमर बैंकिंग बिजनस में क्रेडिट कार्ड्स, रीटेल बैंकिंग, होम लोन और वेल्थ मैनेजमेंट शामिल है। कंपनी ने कहा कि वो अब केवल 4 मार्केट्स पर ही खास ध्यान देगी। ये मार्केट हॉन्गकॉन्ग, लंदन, सिंगापुर और UAE होंगे।
करीब 29 लाख कुल ग्राहकों की है संख्या
Citibank की देश में 35 ब्रांच हैं और उसके कंज्यूमर बैंकिंग बिजनस में करीब 4,000 लोग काम करते हैं। भारत में सिटीबैंक के कुल ग्राहकों की बात करें तो यह संख्या करीब 29 लाख है। इस बैंक में 12 लाख अकाउंट्स हैं और कुल 22 लाख ग्राहकों के पास सिटीबैंक का क्रेडिट कार्ड है।
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सिटी इंडिया के CEO आशु खुल्लर ने कहा कि हमारे ऑपरेशंस में तत्काल कोई बदलाव नहीं आया है और इस घोषणा से हमारे साथियों पर तत्काल कोई असर भी नहीं होगा। हम अपने ग्राहकों की सेवा में कोई कमी नहीं रखेंगे। उन्होंने कहा कि इस घोषणा से बैंक की सेवाएं और मजबूत होंगी। संस्थागत बैंकिंग कारोबार के अलावा, सिटी अपने मुंबई, पुणे, बेंगलुरू, चेन्नई और गुरुग्राम केंद्रों से ग्लोबल कारोबार पर ध्यान देता रहेगा
1985 में कंज्यूमर बैंकिंग बिजनेस में रखा था कदम
सिटीबैंक (Citibank) ने 1902 में भारत में कदम रखा था और 1985 में बैंक ने कंज्यूमर बैंकिंग बिजनस शुरू किया था। संस्थागत बैंकिंग कारोबार के अलावा, सिटी अपने मुंबई, पुणे, बेंगलुरू, चेन्नई और गुरुग्राम केंद्रों से वैश्विक कारोबार पर ध्यान देता रहेगा। सिटी को वित्त वर्ष 2019-20 में 4,912 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 4,185 करोड़ रुपये था।
सिटीबैंक (Citibank) के अलावा ऐसे और भी बैंक हैं जिन्होंने भारत तो भारत में अपने कारोबार को कम कर लिया है या इसे पूरा ही समेट लिया है। इन बैंकों में बार्कलेज, डॉयच बैंक, एचएसबीसी, मॉर्गन स्टेनली, बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच, आरबीएस, स्टैंडर्ड चार्टर्ड शामिल हैं।