खबर संसार, हल्द्वानी: Corona Curfew में व्यापारी जमाखोरी कर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। कोरोना महामारी का दौर चल रहा है इम्युनिटी बढ़ाए रखने के लिए डाक्टर्स मरीजों को फल और हरी सब्जियों का सेवन करने की सलाह दे रहे हैं।
लेकिन इस Corona Curfew के दौरान प्रशासन की ओर से फलों सब्जियों के मूल्य निर्धारित न होने से व्यापारी दोगुने और तीन गुने दाम पर फल और सब्जियां बेच रहे हैं। जिससे फल और सब्जियां मरीजों ,आम लोगों की पहुंच से दूर हो गये है।
लुट रहे उपभोक्ता
इन दिनों बाजार में फल व सब्जी व्यवसायी जमकर मुनाफाखोरी करने मे लगे हुए हैं। Corona Curfew के दूसरे चरण में फल और सब्जी वालों को ठेले पर बेचने की छूट दी गई है। जिसका बेजा फायदा फल और सब्जी विक्रेता उठा रहे हैं और आधिक दामों पर बेच रहे हैं।
पान मसाला व सिगरेट व्यापारियों के द्वारा जमाखोरी की जा रही है। इससे इनके दामों में उछाल आया है। पंतनगर के रिकू का कहना है कि फल के दाम में काफी बढ़ोतरी हुई है। प्रशासनिक अफसर इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।
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किराने का सामाना भी महंगा
बाजारों मे मिलने वाली सामान्य चीनी 38 से बढ़कर 42 रुपये हो गई है। सरसों का तेल 145 से 170 तक पहुंच गया है, अरहर की दाल 90 से बढ़कर 110 रुपये किलो पर है। रिफाइंड भी 160 से 175 रुपये लीटर तथा सूर्यमुखी का तेल 160 से 210 रुपये की छलांग लगा दिया है। आटा,दाल सहित खाने पीने की चीजें तो मंहगी हुई है।
फलो के दाम भी आसमान पर
संतरा- 100 रुपये प्रति किलो- अब 140 रुपये प्रति किलो, केला- 40 रुपये दर्जन – अब 70 रुपये दर्जन, सेब-180 रुपये किलो – अब 200 रुपये किलो, अंगूर -80 रुपये किलो – अब 120 रुपये किलो, कीवी-30 रुपये प्रति पीस – अब 65 से 70 रुपये प्रति पीस।
हरी सब्जियों के दाम
परवल – 50 रुपये प्रति किलो – अब 80 रुपये प्रति किलो आलू -10 रुपये किलो – अब 15 रुपये किलो करेला-30 रुपये किलो – अब 40 रुपये किलो नींबू -120 रुपये किलो – अब 180 रुपये प्रति किलोमिर्चा -60 रुपये किलो – अब 80 रुपये प्रति किलो।
प्रशासन को करना होगा रेट निर्धारण
Corona Curfew के चलते जमाखोरी के इस दौर में प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर रेट निर्धारण कर समुचित व्यवस्था करे, जिससे आम आदमी लुटने से बच सके। कोरोना महामारी के चलते नींबू, अदरक, हरी सब्जियों पर लोगों का फोकस ज्यादा है। इन्हीं चीजों की किल्लत बताकर बाजार में जमकर मुनाफाखोरी चल रही है। इसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ रहा है।