चमोली खबर संसार। प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने चमोली जिले के रैणी गाँव के निकट ग्लेसियर (Aapda) के टूटने से ऋषि गंगा व धौली गंगा में तीव्र जल प्रवाह से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर बताया कि हिस्खलन की वजह से भारी तबाही हुई।
धौली गंगा व ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट में कार्य कर रहे कई श्रमिक आपदा (Aapda) की चपेट में आने से जान गवां बैठे व कई लापता है।नदी से लगे लगभग 13 गांवो में बने पुल टूट चुके हैं जिससे उन गावों से संपर्क टूट चुका है।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आइटीबीपी, सेना, क्षेत्रीय प्रशासन, क्षेत्रीय लोगों समेत विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाए बचाव व राहत के कार्य में जुटे हुए हैं मगर समुचित उपकरणों व तकनीकी के अभाव में अनावश्यक विलंब होने से फँसे लोगों की जान का ख़तरा बड़ रहा है। समय से नियोजित करवाही ना होने से कई लोंगो की जान चुकी है व सैंकड़ों लोग लापता हैं।
टनल में फसे लोगों को न निकाल पाना दुर्भाग्यपूर्ण
दीपक बल्यूटिया ने कहा कि आज 4 दिन बीत जाने पर भी तपोवन टनल में फँसे लोगों को नही निकाल पाना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।इससे पता चलता है सरकार के पास आपदा (Aapda) से निपटने के लिये ठोस रणनीति व पूरे इंतज़ामात का अभाव हैं।
दीपक बल्यूटिया ने कहा कि हिमलायी कंदराओ से लगे हुए क्षेत्रों में इस तरह की आपदाओं को रोकने के लिए सेटेलाइट व नई तकनीकी के माध्यम हिमस्खलन से उत्पन्न हुए तालाबों का समय रहते पता लगाकर उन्हें नष्ट, डिस्चार्ज कर इस तरह की आपदाओं (Aapda) से बचा जा सकता है।
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पूर्व में भी केदारनाथ में हिमस्खलन से उत्पन्न हुए तालाब के टूटने से भारी जान माल के नुक़सान से भी हम सीख नही ले सके। सरकार को चाहिए कि प्रदेश आपदा प्रबंधन को आपदा से निपटने के लिए समुचित व नवीनतम उपकरण से युक्त करे ताकि ऐसी आपदा आने पर अति शीघ्र लोगों को बचाया जा सके।
दीपक बल्यूटिया ने मुख्यमंत्री से माँग करते हुए कहा कि शीघ्र ही हिमस्खलन से उत्पन्न अन्य झीलों का समय रहते पता लगाकर उनेह डिस्चार्ज कर इस तरह के आपदा को रोकने के आदेश जारी करें ताकि ऐसी आपदाओं की भविष्य में पुनरावर्ती ना हो।
दीपक बल्यूटिया ने कहा यदि हम पहले से इस पर कार्य करते तो इस तबाही से बचा जा सकता था। दीपक बल्यूटिया ने आपदा में जान गवां चुके लोगों के लिए शोक प्रकट करते हुए फँसे हुए लोगों के सकुशल वापसी की ईश्वर से कामना की।