लखनऊ, खबर संसार। उत्तर प्रदेश में भी लॉकडाउन की संभावना गहराने लगी है क्योंकि इलाहाबाद हाई कोर्ट (High court) ने कहा है कि प्रदेश में जिस तरीके से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, राज्य सरकार को प्रदेश में दो-तीन हफ्ते के लॉकडाउन पर विचार करना चाहिए।
बता दें कि कोरोना वायरस से देश में सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र राज्य में मिनी लॉकडाउन लगाया गया है। मंगलवार को उद्धव ठाकरे सरकार ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि 30 अप्रैल तक अनावश्यक रूप से लोगों को घर से बाहर निकलने की मनाही होगी।
High court ने दी पूर्ण लाकडाउन की सलाह
मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट (High court) ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को दो-तीन हफ्ते के पूर्ण लॉकडाउन पर विचार करने की सलाह दी है। कोरोना मामले को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की खंडपीठ ने मंगलवार को कहा कि नाइट या कोरोना कर्फ्यू संक्रमण फैलाव रोकने के छोटे कदम हैं। लॉकडाउन लगाना सही नहीं है, लेकिन जिस तरह संक्रमण फैल रहा है, उसे देखते हुए सरकार को ज्यादा संक्रमण वाले शहरों में लॉकडाउन पर विचार करना चाहिए।
लॉकडाउन लगाने के मूड में नहीं सीएम
हालांकि, सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में फिर से लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि उन्हें प्रदेश में लोगों की जान भी बचानी है और अजीविका भी बचाना है। इससे पहले महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने भी अपने प्रदेश में लॉकडाउन दोबारा न लगाने का ऐलान किया था। लेकिन प्रदेश की परिस्थितियां जब बद से बदतर होती गईं, तब उन्हें इसके सीमित प्रतिबंधों को लेकर इस पर विचार करना पड़ा।
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चेन्नै गणितीय विज्ञान संस्थान के एक अध्ययन के हवाले से केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और आईएमए एमएस के वीसी डॉ. सूर्यकांत ने मंगलवार को बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कि अध्ययन के मुताबिक, राष्ट्रीय स्तर पर वायरस की प्रजनन क्षमता 1.32 है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह 2.14 पर पहुंच चुकी है। रिप्रॉडक्टिन वैल्यू यानी आर वैल्यू यह बताता है कि एक संक्रमित से कितने लोगों तक वायरस पहुंच रहा है।