नई दिल्ली, खबर संसार। भारत ने 2-1 से सीरीज जीतकर बॉर्डर-गावस्कर सीरीज को अपने नाम कर लिया हैै। इंडिया के लिए यह बेहद ही ऐतिहासिक जीत है। ब्रिस्बेन के मैदान पर दुनिया के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों के आगे भारत के युवा बल्लेबाजों रिषभ (Rishabh) पंत और शुभमन गिल ने इतिहास रच दिया है।
पंत ने 89 रन बनाकर नाबाद रहे. गिल ने 91 रन की पारी खेली। पुजारा ने 55 रन बनाकर एक छोर को मजबूती से संभाले रखा। विराट कोहली की अनुपस्थिति में इंडिया के लिए यह बहुत बड़ी जीत है। इंडिया को इस मैच में अपने खिलाड़ियों के चोटिल होने की वजह से चार बदलाव करने पड़े थे। इसके बावजूद वह इतिहास रचने में कामयाब रही।
रिषभ पंत की 89 रन की पारी
इंडिया ने रिषभ (Rishabh) पंत की 89 रन की पारी की बदौलत ब्रिस्बेन टेस्ट में तीन विकेट से जीत दर्ज कर ली है। इंडिया बॉर्डर-गावस्कर सीरीज को 2-1 से जीतने में कामयाब रहा। इंडिया के लिए ऐतिहासिक सीरीज जीत है। ऑस्ट्रेलिया ने 31 साल से ब्रिस्बेन के मैदान पर कोई मैच नहीं गवाया था। आखिरी दिन इंडिया को जीत के लिए 324 रन चाहिए थे और वह इसे बनाने में कामयाब रहा।
बता दें की नियमित कप्तान विराट कोहली समेत कई स्टार खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में भी टीम इंडिया ने कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को उनके घर में पीटते हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्राॅफी को 2-1 के अंतर से अपने नाम कर लिया।
इसेे भी पढ़े- ये लोग न लगवाएं covaxine, भारत बायोटेक ने कही ये बात
ब्रिसबेन में खेले गए इस निर्णायक मैच में भारत को ऑस्ट्रेलिया से 328 रनों का लक्ष्य मिला था, जिसे टीम ने शुभमन गिल और ऋषभ पंत (Rishabh) जैसे युवा बल्लेबाजों की शानदार पारियों के दम पर सात विकेट खोकर हासिल कर लिया। इस सीरीज पर कब्जा करते ही टीम इंडिया ने अपने खेल की जरिए ऑस्ट्रेलिया की बदतमीजी, स्लेजिंग, बदजुबानी सहित सभी मुद्दों पर उनका मुंह बंद कर दिया।
भारत की यह जीत कई मायनों में खास है, क्योंकि इस सीरीज में भारत ने कई खिलाड़ियों को चोट की वजह से गंवा दिया था, जबकि ऑस्ट्रेलिया अपनी पूरी ताकत के साथ उतरा था। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस मैच में टीम इंडिया की गेंदबाजी आक्रमण बेहद अनुभवहीन था, और मात्र तीन मैच खेलने वाले मोहम्मद सिराज को गेंदबाजी आक्रमण का अगुवा बनाया गया था। उन्होंने भी अपने कप्तान को निराश नहीं किया और दूसरी पारी में पांच विकेट लेने के साथ कंगारू टीम को ऑलआउट करने में अहम भूमिका निभाई।