कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के खालसा दीवान सोसाइटी गुरुद्वारे में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारी भारतीय पेंशनधारकों को जीवित प्रमाण पत्र जारी कर रहे थे। इसके विरोध में कुछ खालिस्तान समर्थकों ने हंगामा कर दिया। दूतावास के अधिकारियों को स्थानीय पुलिस ने भीड़ से बचाते हुए सुरक्षित स्थान पर भेज दिया।
खालिस्तानी समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस ने चेतावनी दी है कि निकट भविष्य में भारतीय दूतावास के काम में भी इसी तरह की बाधाएं पैदा होंगी. सिख फॉर जस्टिस ने कई पोस्टर जारी कर धमकी दी है कि भारतीय दूतावास इस तरह के कैंप आयोजित न करें वरना उसे बंद कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि 18 और 19 नवंबर को भारतीय वाणिज्य दूतावास ग्रेटर टोरंटो इलाके में दोबारा कैंप लगाने वाले हैं। इसमें एक कैंप गुरुद्वारा में होगा और दूसरे कैंप को मंदिर में आयोजित किया जाएगा। इसी तरह वैंकूवर मेट्रो इलाके में 19 नवंबर को भी एक कैंप लगाया जाएगा। इसके अलावा सस्कातून प्रांत के एक स्कूल में भारतीय वाणिज्य दूतावास कैंप लगाएगा।
हजारों बुजुर्गों को मिल रही सहूलियत
जानकारी के मुताबिक, कनाडा में वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने कहा, “कैंप के दौरान गुरूद्वारे में 10 से 20 प्रदर्शनकारी पहुंचे और वहां खड़े कई भारतीयों को गाली देने लगे।” उन्होंने कहा, “हमें कैंप लगाने में कोई परेशानी नहीं हुई। वहां पर्याप्त पुलिस मौजूद थी।”
फ्रेंड्स ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनिंदर सिंह गिल ने भारतीय अधिकारियों को तंग किए जाने पर कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, “भारतीय अधिकारियों ने बुजुर्गों के पेंशन के लिए 635 जीवन प्रमाण पत्र बनाए हैं। ये लोग कभी भारत के अलग-अलग विभागों में काम करते रहे होंगे और अब प्रवासी बनकर कनाडा में रह रहे हैं।” उन्होंने कहा, “अगर ये अधिकारी कैंप नहीं लगाएंगे तो बुजुर्गों को काफी परेशानी होगी। उन्हें प्रमाण पत्र के लिए वैंकूवर जाना होगा।”
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