हरिद्वार, खबर संसार: हरिद्वार में चल रहे Mahakumbh मेले के बीच निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव की कोरोना संक्रमण से मृत्यु के बाद साधु-संतों की चिंता बढ़ गई है।
जिसके बाद महामंडलेश्वर कैलाशनंद गिरि व अन्य संतों ने भी अन्य अखाड़ों से कोरोना महामारी के चलते लोगों के हित को ध्यान रखते हुए मेला समाप्त करने की अपील की है। बता दें कि हरिद्वार में अब तक 30 साधु कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। यह सरकारी आंकड़ा है, लेकिन संक्रमित साधुओं की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है।
बढ़ रहा महामारी का प्रभाव
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पंचायती निरंजनी अखाड़ा और उसका सहयोगी तपो निधि आनंद अखाड़ा ने कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव के कारण Mahakumbh मेले से अपने को 17 अप्रैल से अलग करने का फैसला लिया है। इससे पहले अखाड़ा परिषद के दूसरे बड़े निरंजनी अखाड़े ने 15 दिन पहले ऐलान किया था कि उनके लिए कुंभ मेला खत्म हो चुका है।
कई साधु संत और श्रद्धालु कोरोना पाॅजिटिव
हरिद्वार में चल रहे Mahakumbh मेले के दौरान कोरोना से बड़ी संख्या में साधु -संतों से लेकर आम श्रद्धालु तक पीड़ित मिल रहे हैं। जिसके चलते अखाड़े ने फैसला लिया है, कि Mahakumbh मेले को समय से पूर्व ही समाप्त कर दिया जाए। महामंडलेश्वर ने कहा कि कोरोना महामारी लगातार पैर पसार रही है, केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार ने गाइडलाइन जारी की है, ये गाइडलाइंस उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है।
तेज से बढ़ रहा संक्रमण
स्वामी कैलाशनंद गिरि के मुताबिक यह फैसला मानवता के नाते लिया गया है। Mahakumbh का आगाज दिव्यता के साथ हुआ और मेला भव्यता के साथ चल रहा था, परंतु कोरोना महामारी की दूसरी लहर से कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में हमने कुंभ को 17 अप्रैल को ही निजी रूप से श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा और सहयोगी आनंद अखाड़े ने संयुक्त रूप से समाप्त करने का निर्णय लिया है।