नई दिल्ली, खबर संसार: चैत्र माह से नव संवत्सर Nav Samvatsar प्रारंभ होता है प्रत्येक वर्ष को नव संवत्सर Nav Samvatsar कहते हैं। हिंदू धर्म के अनुयायी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नव संवतसर यानि नववर्ष मनाते हैं। सनातन धर्म के अनुसार माना जाता है कि इसी दिन सृष्टि का आरंभ हुआ था। ऐसे में इस बार हिंदुओं का नव वर्ष 2078 नवसंवतसर 13 अप्रैल 2021 से शुरू होगा।
वहीं जानकारों के अनुसार योजनाओं की स्थिति को देखते हुए इस बार करीब 90 साल बाद एक बार फिर एक खास संयोग बन रहा है, वहीं नव संवतसर Nav Samvatsar 2078 के ‘राक्षस’ नाम से जाना जाएगा। जानिए क्या खास…
राजा (प्रधानमंत्री) मंगल
नव संवत्सर Nav Samvatsar 2078 में राजा (प्रधानमंत्री) मंगल होंगे, जो मंत्रिमंडल के प्रमुख होंगे। मंगल को युद्ध का देवता कहा जाता जाता है। मंगल दंगल भी कराता है और मंगल भी करता है। मंगल के राजा होने से विश्व में युद्ध का भय होगा। जनता में सरकारों के प्रति विद्रोह होगा। महामारी एवं बीमारी में वृद्धि होगी।
यह हिंसा, दुर्घटना, भूकंप, विनाश, शक्ति, सशस्त्र बलों, सेना, पुलिस, इंजीनियरिंग, अग्निशमन, शल्य चिकित्सा, कसाई, छिपकर हत्या करने वाला, दुर्घटना, अपहरण, बलात्कार, उपद्रव, सामाजिक और राजैनतिक अस्थिरता के कारक ग्रह हैं। विक्रम संवत 2078 के राजा मंगल होने से इस साल आंधी-तूफान का भी जोर रहेगा। मतलब लोग महामारी से मुक्त होंगे परंतु उपद्रव और प्राकृतिक घटनाओं से परेशान रहेंगे।
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गृहमंत्री कौन
देश की सरकार में जिस प्रकार गृहमंत्री को सरकार में द्वितीय स्थान दिया जाता है, उसी प्रकार ग्रहों के मंत्रिमंडल में यह भूमिका मंत्री की होती है। नवीन संवत्सर 2078 में मंगल मंत्री भी होंगे। मंगल के मंत्री होने से विश्व में अराजकता में वृद्धि होगी। पशुधन की हानि होगी। रोग एवं महामारी के कारण प्रजा पीड़ित रहेगी।
वित्तमंत्री कौन
देश के संचालन हेतु वित्त की व्यवस्था करना वित्तमंत्री की जिम्मेवारी होती है। ग्रहों के मंत्रिमंडल में यह कार्य धनेश करते हैं। नवीन संवत्सर 2078 में धनेश का यह पद शुक्र के पास है। नए वर्ष में शुक्र धनेश होंगे। शुक्र के धनेश होने से विश्व में रोजगार बढ़ेगा, व्यापारियों को लाभ होगा। जनता को धन-धान्य का लाभ होगा।
रक्षामंत्री कौन
जिस प्रकार देश की सरकार में कभी-कभी 1 मंत्री 2 मंत्रालय संभालता है, उसी प्रकार ग्रहों के मंत्रिमंडल में भी ऐसा होता है। नवीन वर्ष में दुर्गेश भी मंगल होंगे, जो इस वर्ष राजा और मंत्री भी हैं। मंगल के दुर्गेश होने से विश्व में अर्थव्यवस्था कमजोर होगी। भय व पीड़ा का वातावरण बनेगा। व्यापार की हानि होगी। देशों में परस्पर वैमनस्य की भावना बलवती होगी।
कृषि ,खाद्य मंत्री कौन
नवीन वर्ष में रसेश सूर्य होंगे। सूर्य के रसेश होने से खाद्य पदार्थों का नाश होगा। कहीं-कहीं दुर्भिक्ष व सूखा पड़ेगा। जनता रसयुक्त पदार्थों से वंचित रहेगी। दूध, दही, फलों के रसों के दाम बढ़ेंगे।