खबर संसार । तकनीकी दौर में कई ऐसे क्षेत्र हैं जो इंटरनेट के सहारे रफ्तार पकड़े हुए हैं। डिजिटल मार्केटिंग (digital marketing) भी उन्हीं में से एक है। इस क्षेत्र में छात्रों की तरक्की के तमाम अवसर मौजूद हैं।
भारत डिजिटाइजेशन के प्लेटफार्म पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। कल तक कम्प्यूटर पर असंभव समझे जाने वाला काम अब आसानी से मोबाइल के जरिए हो रहा है। मार्केटिंग के क्षेत्र में भी डिजिटाइजेशन हावी हो गया है। ऑनलाइन खरीदारी और प्रोडक्ट की सेवाएं जानने में नेट के इस्तेमाल का चलन लोगों को खूब भा रहा है।
कंपनियां भी लोगों की मनोदशा को भांपते हुए अपने प्रोडक्ट का प्रचार ईमेल, एसएमएस, वेबसाइट, फेसबुक, ह्वाट्सएप आदि सोशल मीडिया से कर रही हैं। स्मार्टफोन ने उनका काम काफी हद तक आसान कर दिया है। दरअसल यह सब ‘digital marketing’ की ही स्ट्रेटिजी है।
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इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक ताजे आंकड़े के अनुसार 2020 तक भारत में इंटरनेट यूजर की संख्या 50 करोड़ से अधिक हो जाएगी जबकि इस साल के अंत तक digital marketing के क्षेत्र में करीब 15-20 लाख नए जॉब सृजित होंगे जिनमें सॉफ़्टवेयर प्रोडक्ट डेवलॅपमेंट, ऐप डेवलॅपमेंट, डेटा एनालिस्ट आदि की सर्वाधिक मांग होगी। एक सर्वे के मुताबिक करीब 81 प्रतिशत छोटे व मध्यम वर्ग की कंपनियां सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रही हैं। यही कारण है कि डिजिटल मार्केटिंग का क्षेत्र साल-दर-साल ग्रोथ कर रहा है।
क्या है digital marketing
डिजिटल मार्केटिंग पूरी तरह से ऑनलाइन मार्केटिंग की पद्धति पर काम करती है। इस आधुनिक माध्यम के जरिए कंपनियां अपने उत्पाद के प्रति उपभोक्ताओं को जागरूक करती हैं तथा उनकी जिज्ञासाओं को अलग-अलग तरीके से शांत करती हैं। डिजिटल मार्केटिंग इंटरनेट, कम्प्यूटर, मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से संपंन होती है। इस काम में कंपनियां मोबाइल पर या कोई वेबसाइट खोलने पर नोटिफिकेशन भेजकर अपने ब्रांड को मजबूत बनाती हैं। साथ ही कंटेंट राइटिंग व रिपोर्ट आदि के जरिए भी उपभोक्ताओं को आकर्षित करती हैं। सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ) इस क्षेत्र की नई तकनीक है।
कब कर सकेंगे कोर्स
डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोफेशनल्स को मार्केटिंग, कम्युनिकेशन या ग्राफिक डिजाइन के क्षेत्र में ग्रेजुएट होना चाहिए। कम्प्यूटर विषय के साथ ग्रेजुएट करने वाले छात्र भी डिजिटल मार्केटिंग के लिए फिट हैं। अधिकांश संस्थान सामान्य ग्रेजुएट को भी अपने यहां प्रवेश देते हैं। इसमें जो भी कोर्स हैं उनकी अवधि तीन माह से लेकर एक साल तक होती है। ये ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से किए जा सकते हैं। फीस संस्थान व उसके सुविधाओं पर निर्भर करती है।
काम आएंगे ये स्किल
इस प्रोफेशन में वही लोग ज्यादा दिनों तक टिके रह सकते हैं जिन्होंने इंटरनेट से दोस्ती की हो। इसके अलावा कम्युनिकेशन स्किल, एनालिटिक स्किल, टाइम मैनेजमेंट जैसे गुण इसमें कदम-कदम पर काम आते हैं। बाजार की समझ व बिजनेस की बारीकियों से अवगत होना भी इसमें सम्यक सहायता दिलाता है। इन सब के साथ परिश्रमी, रचनात्मकता, धैर्य व अनुशासित होना भी उन्हें सफल बना सकता है।
कुछ प्रमुख कोर्स
- सर्टिफाइड डिटिजल मार्केटिंग मास्टर कोर्स
- सर्टिफाइड प्रोग्राम इन डिजिटल मार्केटिंग
- प्रोफेशनल डिप्लोमा इन डिजिटल मार्केटिंग
- प्रोफेशनल डिप्लोमा इन सोशल मीडिया मार्केटिंग
- प्रोफेशनल डिप्लोमा इन सर्च मार्केटिंग
- प्रोफेशनल डिप्लोमा इन मोबाइल मार्केटिंग
सेलैबस से जुड़ी जानकारी
इसमें कोर्स के दौरान छात्रों को टारगेट मार्केट आईडेंटिफिकेशन, एडवर्टाइजिंग स्ट्रेटिजी, मार्केटिंग कैम्पेन एनालिसिस, कम्युनिकेशन स्ट्रेटिजी, टेक्नोलॉजी आदि के बारे में विस्तार से बताया जाता है। सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन, ईमेल मार्केटिंग, मोबाइल मार्केटिंग, एफिलिएटेड मार्केटिंग आदि की जानकारी होना जरूरी है। डिजाइन डाटा एनालिसिस, कंज्यूमर रिलेशन मैनेजमेंट आदि से भी छात्रों को अवगत कराया जाता है। उन्हें ट्वीटर, लिंक्डइन, गूगल प्लस, प्रिंटरेस्ट, फेसबुक आदि सोशल मीडिया की कार्यशैली और इससे लोगों को रूबरू कराने के बारे में बताया जाता है।
रोजगार के अवसर
देश में जिस तेजी से इंटरनेट के यूजर बढ़ रहे हैं, उसी तेजी से डिटिजल मार्केटिंग का विस्तार हो रहा है। सोशल मीडिया डिजिटल मार्केटिंग का सबसे बड़ा हब बन चुका है। आज जो भी जॉब पोर्र्टल, वेबसाइट हैं उन पर विभिन्न कंपनियों के नोटिफिकेशन चलते रहते हैं। ईकॉमर्स, एफएमसीजी, मीडिया, आईटी, ट्रेवल, फाइनेंस, बैंकिंग आदि सेक्टरों में इससे संबंधित प्रोफेशनल्स की भारी मांग है। देश-विदेश की ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट, सर्विस प्रोवाइडिंग कंपनी, रिटेल कंपनियां बड़े पैमाने पर जॉब सृजित कर रही हैं। चाहें तो अपना काम भी शुरू कर सकते हैं। मल्टीनेशनल कंपनियों के अलावा विदेश में भी बड़े पैमाने पर काम मिलता है।
इस रूप में मिलेगी जॉब
- डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर
- कंटेंट मार्केटिंग मैनेजर
- सोशल मीडिया मार्केटिंग स्पेशलिस्ट
- वेब डिजाइनर
- ऐप डेवलॅपर
- कंटेंट राइटर
- सर्च इंजन मार्केटर
- इनबाउंड मार्केटिंग मैनेजर
- सर्च इंजन ऑप्टिमाइजर एग्जीक्यूटिव
- कनवर्जन रेट ऑप्टिमाइजर
मिलने वाली सेलरी- इस क्षेत्र में सेलरी स्ट्रक्चर ब्रांड के हिसाब से तय होती है। आज कई ऐसे प्रोफेशनल्स हैं जो अपनी मेहनत के बूते एक लाख रुपये प्रतिमाह की सेलरी पा रहे हैं। अमूमन शुरुआती दौर में प्रोफेशनल्स को 20-25 हजार रुपये प्रतिमाह कमा सकते हैं। तीन-चार साल के अनुभव के बाद यही सेलरी 40-45 हजार रुपये प्रतिमाह तक पहुंच जाती है। जबकि फ्रीलांसिंग के रूप में भी वे अच्छी आमदनी कर सकते हैं। बस नेटवर्किंग ठीक होनी चाहिए।
प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान
- टीजीसी एनिमेशन एंड मल्टीमीडिया, नई दिल्ली
वेबसाइट- www.tgcindia.com - भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नई दिल्ली
वेबसाइट- www.iitd.ac.in - भारतीय विद्यापीठ यूनिवर्सिटी, पुणे
वेबसाइट- www.bvuniversity.edu.in - जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली
वेबसाइट- www.jmi.ac.in - एनआईआईटी डिजिटल मार्केटिंग,
वेबसाइट- www.niit.com - दिल्ली स्कूल ऑफ इंटरनेट मार्केटिंग, नई दिल्ली
वेबसाइट- www.dsim.in