नई दिल्ली, खबर संसार। पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में आज देश में पहली ड्राइवरलेस मेट्रो (Driverless Metro Delhi) की सेवा की।
फिलहाल राजधानी में जनकपुरी वेस्ट से बॉटनिकल गार्डन के बीच यह मेट्रो चलेगी। सुरक्षित होगी? आइए जानते हैं क्या होती है बिना ड्राइवर की मेट्रो और यह कैसे चलती है।
आप अगर सोच रहे हैं कि सभी ड्राइवरलेस मेट्रो (Driverless Metro Delhi) बिना ड्राइवर के चलेगी तो ऐसा नहीं है। फिलहाल राजधानी में जनकपुरी वेस्ट से बॉटनिकल गार्डन के बीच यह चलेगी। इसके बाद मजलिस पार्क-शिव विहार के बीच भी 2021 के मध्य में चालक रहित ट्रेन सेवा शुरू होने की उम्मीद है।
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ड्राइवरलेस ट्रेन (Driverless Metro) ऑपरेशन (DTO) या अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन (UTO) मोड को DMRC नेटवर्क की लाइन 7 और लाइन 8 पर ही लागू किया जा सकता है। अभी के लिए, DMRC केवल लाइन 8 पर UTO मोड को चालू कर रहा है। इसके बाद मजलिस पार्क-शिव विहार के बीच भी 2021 के मध्य में चालक रहित ट्रेन सेवा शुरू होने की उम्मीद है।
कैसे चलेगी ड्राइवरलेस मेट्रो, जानें
28 दिसंबर से मजेंटा लाइन पर चालक रहित ट्रेन ऑपरेशन (डीटीओ) मोड के जरिए मेट्रो चलेगी। इस मोड में, गाड़ियों को डीएमआरसी के तीन कमांड सेंटरों से पूरी तरह से नियंत्रित किया जाएगा। बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के। संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण (सीबीटीसी) सिग्नलिंग तकनीक से ट्रेनों का चलाया जाएगा। कमांड सेंटरों पर ट्रेन के उपकरणों की निगरानी रियल टाइम में की जाएगी।
जब तक DMRC UTO मोड में नहीं जाता, तब तक मेट्रो में ऑपरेटर होंगे, जो आपात स्थिति में ऑपरेट करेंगे। हाई रिजाल्यूशन कैमरे लगाने के बाद, मेट्रो ड्राइवरों के लिए बनाए गए केबिनों को भी धीरे-धीरे हटा दिया जाएगा और सभी नियंत्रण पैनलों को कवर करेगा। फिलहाल मेट्रो में जो कैमरे लगे हैं उनसे पटरियों पर कोई फॉल्ट का पता नहीं लग पाता है।
क्या बिना स्मार्ट कार्ड के भी कर सकते हैं यात्रा
PM मोदी मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर नैशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) सेवा की भी शुरुआत करेंगे। इसमें डेबिट कार्ड मेट्रो के स्मार्ट कार्ड की तरह काम कर सकेंगे। यात्री गेट पर उसे पंच करके यात्रा कर सकेंगे। पैसे यात्री के बैंक अकाउंट से कट जाएंगे और लोगों को मेट्रो का स्मार्ट कार्ड साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी।
क्या समय की बचत होगी, क्या जल्दी मिल पाएगी ट्रेन ?
हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक सीबीटीसी तकनीक के प्रयोग से मेट्रों को फायदा होगा। इससे दो ट्रेनों के बीच की दूरी कम हो जाएगी। कम समय में ही लोगों को ट्रेन मिलेगी। इससे समय की बचत के साथ-साथ लोगों की यात्रा भी पहले की तुलना में और ज्यादा सुरक्षित होगी।
डीएमआरसी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अनुज दयाल ने बताया कि बिना ड्राइवर वाली ट्रेन की शुरुआत होने के साथ ही दिल्ली मेट्रो दुनिया के उन चुनिंदा सात मेट्रो नेटवर्क में शामिल हो जाएगी, जहां बिना ड्राइवर मेट्रो चल रही हैं।