जी, हां भारतीय रेलवे में वंदे भारत ट्रेनें यात्रियों के बीच काफी मशहूर हैं जिसमें यात्रा करने में लोग बेहद आनंद महसूस करते हैं। Vande Bharat ट्रेनें काफी सुविधाजनक है, जिसे लेकर यात्रियों में काफी आकर्षण भी देखने को मिल रहा है। भारतीय रेलवे की वंदे भारत ट्रेन में अपर क्लास से ट्रेनिंग है जिसका किराया अन्य ट्रेनों के मुकाबले कुछ अधिक भी है। इन ट्रेनों में यात्रा करने वाली यात्रियों को सुविधाएं भी काफी अलग मिलती है।
वंदे भारत ट्रेनों की वजह से काफी कमाई हो रही है, जिसकी जानकारी खुद रेलवे ने दी है। भारतीय रेलवे ने एक आरटीआई के जवाब में इसकी जानकारी दी है। मध्य प्रदेश की निवासी चंद्रशेखर गौड़ ने रेल मंत्रालय में आरटीआई दाखिल की थी। उन्होंने आरटीआई के जरिए यह जानना चाहा था कि Vande Bharat ने कितना रेवेन्यू कमाया है और इसके संचालन से रेलवे को मुनाफा हुआ है या फिर नुकसान। इसके जवाब में रेल मंत्रालय ने कहा कि वंदे भारत रेल गाड़ियों से आमदनी का अलग से रिकॉर्ड नहीं रखा गया है।
आईटीआई लगाने वाले चंद्रशेखर गौर ने रेलवे के जवाब पर हैरानी जताई
जवाब में रेल मंत्रालय ने जानकारी दी है कि रेल मंत्रालय इसकी जानकारी नहीं दे सकता क्योंकि ट्रेन के हिसाब से राजस्व का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है। हालांकि जानकारी भी सामने आई है कि अब तक दो करोड़ से अधिक लोग Vande Bharat trains से सफर कर चुके हैं। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि वित्त वर्ष 2023 से 24 में वंदे भारत रेल गाड़ियों ने जो दूरी तय की है वह धरती के 310 चक्कर लगाने के समान है।
आईटीआई लगाने वाले चंद्रशेखर गौर ने रेलवे के जवाब पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या और धरती के चक्कर लगाने की दूरी की जानकारी का रिकॉर्ड रेलवे के पास है मगर राजस्व के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है, ये हैरान करने वाली बात है। रेलवे को वंदे भारत ट्रेनों से राजस्व की स्थिति का अलग रिकॉर्ड रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन है जो नई पीढ़ी की ट्रेन मनी जाती है। अगर यात्रियों को ट्रेनों की प्रॉफिटेबिलिटी के बारे में जानकारी होगी तो इसकी लोकप्रियता में और भी अधिक इजाफा जल्दी होगा। बता दें कि वंदे भारत ट्रेन देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन है जिसको 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली और वाराणसी के बीच रवाना किया गया था। वंदे भारत ट्रेन 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में ढ़ेरों रूटों पर चल रही है।
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