इज़रायल। इजरायली सेना ने 11 लाख से अधिक गाजावासियों सहित संयुक्त राष्ट्र कर्मियों और कर्मचारियों को 24 घंटे के भीतर दक्षिण छोड़ने का आदेश देने के बाद “गंभीर और विनाशकारी परिणामों” की चेतावनी दी है। इस बीच, सीमा पर इज़रायली सैनिकों की बढ़ती संख्या से पता चलता है कि फ़िलिस्तीनी समूहों को “नष्ट” करने के लिए प्रतिबद्ध इज़रायली सरकार किसी भी समय ज़मीनी हमला शुरू कर सकती है।
इज़रायल सेना ने ये बातें कहीं
इज़रायली फ़ौज का कहना है कि उन्होंने ग़ाज़ावासियों को दक्षिण की तरफ़ जाने के लिए इस वजह से कहा है, क्योंकि हमास के लड़ाके ग़ाज़ा शहर की ज़मीन के नीचे सुरंगों में छिपे हैं। इज़रायली रक्षा सेना (IDF) ने कहा, “ग़ाज़ा निवासियों, अपनी और अपने परिवारों की सुरक्षा के लिए दक्षिण की ओर चले जाइए। हमास आतंकवादियों से दूरी बनाए रखिए, जो आपको इंसानी ढाल के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।
अमेरिका के शीर्ष राजनयिक एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को तेल अवीव का दौरा किया और इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को एक बार फिर अमेरिकी समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि उन्हें ‘गोलियों से छलनी बच्चे’ और ‘सैनिकों के कटे हुए सिरों’ की भयावह तस्वीरें दिखाई गई हैं। ने युद्ध के दौरान इज़रायल में अब तक कम से कम 22 अमेरिकी नागरिकों की मौत की पुष्टि अमेरिका कर चुका है।
अब तक कम से कम 1,200 और ग़ाज़ा पट्टी में 1,400 लोग मारे जा चुके
इज़रायल में पिछले शनिवार को जंग शुरू होने के बाद से अब तक कम से कम 1,200 और ग़ाज़ा पट्टी में 1,400 लोग मारे जा चुके हैं। इज़रायल सरकार के दावे के मुताबिक, इनके अलावा भी इज़रायली इलाके में कम से कम 1,500 हमास लडाकों की लाशें पाई गई हैं। लगभग 150 लोगों को, जिन्हें इज़रायली इलाकों से अगवा कर लाया गया था, हमास ने बंधक बना रखा है।
इज़रायल ने ग़ाज़ा को ‘पूरी तरह’ घेर रखा है, और पानी, ईंधन और बिजली की आपूर्ति काट दी है। फ़िलस्तीनी इलाके का इकलौता बिजली संयंत्र भी ईंधन ख़त्म हो जाने की वजह से बुधवार को बंद हो गया था। इज़रायल ने दावा किया है कि जब तक हमास सभी बंधकों को रिहा नहीं कर देता, वह ग़ाज़ा में किसी भी तरह की मदद नहीं पहुंचने देगा।
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