संदेशखाली में कई महिलाओं द्वारा यौन हिंसा और जमीन हड़पने के आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां को गुरुवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें 10 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। 53 वर्षीय तृणमूल नेता को 55 दिनों की फरारी के बाद उत्तर 24 परगना के मिनाखान इलाके से उठाया गया था, जहां वह अपने सहयोगियों के साथ छिपा हुआ था।
उन्हें करीब साढ़े दस बजे बशीरहाट की अदालत में पेश किया गया और 10 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सुप्रतिम सरकार ने कहा कि उन्हें 5 जनवरी को छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमले के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
पूरे घटनाक्रम को ऐसे समझें
गिरफ्तारी कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा तृणमूल नेता के खिलाफ कार्रवाई में देरी के लिए राज्य पुलिस की खिंचाई करने और यह कहने के तीन दिन बाद हुई है कि उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। गिरफ्तारी के बाद शेख शाहजहां के आवास के पास सरबेरिया और अकुंजीपारा इलाकों सहित संदेशखाली में धारा 144 लागू कर दी गई है।
संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने शाजहान शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और जबरदस्ती यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। शेख और उसके साथियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नदी क्षेत्र एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शनों की श्रृंखला में उलझा हुआ है।
पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ममता बनर्जी सरकार ‘बीजेपी के लगातार आंदोलन के कारण कार्रवाई करने के लिए मजबूर हुई। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि यह गिरफ्तारी नहीं है, यह आपसी समायोजन है और कहा कि शाहजहां को जेल में 5 सितारा सुविधाएं मिलेंगी।
तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने कहा कि स्थगन आदेश के कारण शाहजहाँ की गिरफ्तारी में देरी हुई और गिरफ्तारी से साबित होता है कि हमारी सरकार प्रशासनिक तरीके से ‘राजधर्म’ का पालन करती है और भाजपा को टीएमसी से राजधर्म सीखना चाहिए।
शाहजहां 5 जनवरी से फरार था
अभिषेक बनर्जी कहा था कि कोर्ट के स्थगन आदेश के कारण पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। त्रिमूल नेता ने जोर देकर कहा कि स्थगन आदेश हटने के 3-4 दिनों के भीतर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। शाहजहां 5 जनवरी से फरार है, जब कथित तौर पर उससे जुड़ी भीड़ ने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमला किया था, जो एक घोटाले के सिलसिले में उसके परिसर की तलाशी लेने गए थे।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को तृणमूल नेता और उनके सहयोगियों के खिलाफ आदिवासी परिवारों से यौन शोषण और भूमि हड़पने की 50 शिकायतें मिली हैं। राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें लगभग 1,250 शिकायतें मिली हैं, जिनमें 400 भूमि मुद्दों से संबंधित हैं।
उच्च न्यायालय ने बुधवार को निर्देश दिया था कि तृणमूल कांग्रेस नेता को सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भी गिरफ्तार किया जा सकता है। ईडी की ओर से पेश भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने आशंका व्यक्त की कि यदि राज्य पुलिस शेख को गिरफ्तार करती है, तो राज्य पुलिस द्वारा मामले को कमजोर किए जाने की संभावना है।
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