नई दिल्ली, खबर संसार: बच्चों को लेकर अब कंपनियों ने कोरोना वैक्सीन corona vaccine का ट्रायल शुरू कर दिया है। अमेरिकी कंपनी जाॅनसन एंड जाॅनसन ने किशोरों पर कोरोना वैक्सीन corona vaccine टेस्टिंग की घोषणा की है। इस अमेरिकी कंपनी का कहना है कि क्लिनिकल ट्रायल का दायरा बच्चों तक बढ़ा दिया है। जॉनसन एंड जॉनसन के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर पॉल स्टोफेल ने बताया कि कोविड-19 का बहुत बड़ा असर बच्चों पर भी पड़ने लगा है।
बच्चों को वैक्सीन की सख्त जरूरत
इन दिनों कोरोना को लेकर बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है, उनको कई तरह की परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है। मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होने के साथ पढ़ाई बाधित हो रही है। इसलिए बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन corona vaccine की बेहद जरूरत है।
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वैक्सीन सफलता सामन्य दिनचर्या
अमेरिकी कंपनी जाॅनसन एंड जाॅनसन का कहना है कि हमारे लिए ये बेहद जरूरी है कि हम सभी के लिए वैक्सीन बनाए। दुनिया में जहां भी लोग हैं, उनमें कोरोना न हो, इसके लिए हमारी जिम्मेदारी है कि हम सभी के लिए वैक्सीन बनाए। वैक्सीन की सफलता से हम लोगों को एक बार फिर से सामान्य दिनचर्या में ला सकते हैं।
किशोरों पर किया जा रहा वैक्सीन परीक्षण
कंपनी ने कोविड-19 के क्लिनिकल ट्रायल का दूसरा चरण शुरू कर दिया है। इससे पहले के ट्रायल में कंपनी ने 18 से 55 साल के लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई थी। इनमें कुछ 65 साल से ज्यादा के लोगों पर भी परीक्षण किया गया। वैक्सीन corona vaccine का परीक्षण किशोरों पर भी किया जा रहा है। इसके तहत पहले 16 और 17 साल के बच्चों को वैक्सीन दी जाएगी। इसके बाद इस वैक्सीनेशन अभियान को 12 साल के बच्चों तक बढ़ाया जाएगा। इससे पहले फाइजर बायोनटेक और मोर्डना की वैक्सीन का ट्रायल किशोरों पर हो चुका है।