दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास सोमवार शाम हुआ भीषण कार विस्फोट देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को हिला गया है। अब तक 12 लोगों की मौत और 20 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं। घटना की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और एनआईए द्वारा की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि धमाके में कौन-से विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया और इसके पीछे किस संगठन का हाथ हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने जताई गहरी संवेदना
- भारत की राजधानी में हुए इस आतंकवादी हमले पर अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, इज़राइल और दक्षिण एशियाई देशों ने चिंता व्यक्त की है।
- अमेरिका ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि वह स्थिति पर लगातार नज़र रखे हुए है। वहीं ब्रिटेन ने यात्रा संबंधी एडवाइजरी जारी की है।
- रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने “भारत की गहन जांच पर भरोसा” जताया, जबकि इज़राइल के राजदूत रेवुवेन अजार ने इसे “हृदयविदारक” बताया।
भारत के साथ खड़ा विश्व समुदाय
चीन, श्रीलंका, मालदीव और नेपाल ने भी भारत के साथ एकजुटता प्रकट की है। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने कहा, “भारत के लोगों के साथ हम दुख की इस घड़ी में खड़े हैं।” भूटान के राजा ने थिम्पू के चांगलिमथांग स्टेडियम में हजारों लोगों के साथ प्रार्थना सभा का नेतृत्व किया।
वैश्विक मंच पर भारत की सुरक्षा को नई चुनौती
दिल्ली ब्लास्ट ऐसे समय में हुआ है जब भारत जी-20 सम्मेलन के बाद वैश्विक नेतृत्व की भूमिका में उभर रहा है।
यह विस्फोट बताता है कि शांति के केंद्र में भी असुरक्षा का साया मौजूद है। अमेरिका और रूस की त्वरित प्रतिक्रियाएँ दर्शाती हैं कि अब भारत की आंतरिक सुरक्षा विश्व राजनीति का अहम हिस्सा बन चुकी है।
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