बरसाना की रंगीली गली में बरसाना की हुरियारिनों ने नन्दगांव के हुरियारों पर जमकर लाठियां बरसाईं। इस दौरान इस अद्भुत होली के दृश्यों का आनन्द ले रहे देश-विदेश के हजारों पर्यटक तरह-तरह के रंग बरसाते रहे। इस अवसर पर दुनिया के हर कोने से आए श्रद्धालु कृष्ण और राधा के प्रेम की अप्रतिम होली को देखकर झूम उठे।
बता दें कि बरसाना के बाद आज लट्ठमार होली नन्दगांव के नन्दभवन में हो रही है। अभी दो दिन पहले ही लड्डू होली भी खेली गयी थी जिसमें हजारों क्विंटल लड्डू एक दूसरे पर मारे गये थे। जिला प्रशासन ने बरसाना में लट्ठमार होली का आयोजन सुचारूपूर्वक सम्पन्न कराने के लिए तकरीबन 2750 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की थी।
मथुरा के जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बताया, “भारी भीड़ के बावजूद कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।” उन्होंने बताया कि आज यानि एक मार्च को फाल्गुन शुक्ल दशमी पर नन्दगांव, रंगभरनी एकादशी पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान प्रांगण में और ठा. बांकेबिहारी मंदिर में रंगभरी होली के अवसर पर भी पुलिस का भारी सुरक्षा प्रबंध रहेगा।
हम आपको बता दें कि रंगों के त्योहार होली की आहट के बीच मथुरा जिले के मंदिरों में रंग पर्व का उल्लास चरम पर है। रोजाना सुबह-शाम सभी प्रमुख मंदिरों में ठाकुरजी के समक्ष अबीर-गुलाल भेंट किया जा रहा है और प्रसाद के रूप में उसे श्रद्धालुओं के ऊपर भी बरसाया जा रहा है। दरअसल सम्पूर्ण ब्रज मंडल के मंदिरों में बसंत पंचमी के दिन ही होली की शुरुआत हो जाती है।
होली का पर्व बसंत पंचमी से लेकर फाल्गुन पूर्णिमा तक चलता रहा है
इसी दिन सभी शहर-कस्बों के प्रमुख चौराहों पर होली का डांढ़ा (लकड़ी का एक टुकड़ा, जिसके आसपास के दायरे में ही होली जलाई जाने वाली लकड़िया-कंडे इत्यादि जमा किए जाते हैं) गाड़ दिया जाता है। बांके बिहारी मंदिर के सेवायत प्रह्लाद कृष्ण गोस्वामी ने बताया कि मथुरा, वृन्दावन, बरसाना, नन्दगांव, गोवर्धन, राधाकुंड, गोकुल, महावन, बलदेव आदि सभी तीर्थस्थलों पर होली का पर्व बसंत पंचमी से लेकर फाल्गुन पूर्णिमा के पश्चात अगले दिन तक जारी रहता है।
इस बीच, वृंदावन स्थित विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के प्रबंधन ने होली पर्व पर उमड़ने वाली संभावित भारी भीड़ के मद्देनजर सात मार्च तक मंदिर में बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को साथ न लाने की अपील की है। मंदिर के प्रबंधक मुनीष शर्मा ने बताया कि भीड़ के कारण लोगों को दिक्कत हो सकती है। ऐसे में बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग न आएं तो बेहतर होगा।
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