नई दिल्ली, खबर संसार । भारत में भारत बायोटिक की कोवैक्सीन (covaxine) और सीरम की कोविशील्ड को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है और इस तरह से देश में 16 जनवरी से टीकाकरण जारी है। हालांकि, इस बीच भारत बायोटेक ने एक फैक्टशीट जारी कर बताया है कि किन लोगों को कोवैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।
कंपनी की वेबसाइट पर अपलोडेड फैक्टशीट के माध्यम से भारत बायोटेक ने ऐसे लोगों को कोवैक्सीन (covaxine) का टीका नहीं लगवाने की सलाह दी है, जिन्हें कुछ समय से एलर्जी, बुखार, ब्लीडिंग डिसऑर्डर की शिकायत रही हो, साथ ही जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है या दवाई ले रहे हैं या फिर जिसका प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर हो सकता है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी वर्जित
कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड किए गए एक बयान में कहा गया है कि कोवैक्सीन (covaxine) का टीका गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी वर्जित है। साथ ही जिन्होंने दूसरी वैक्सीन ली है, या फिर किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, वे भी कोवैक्सीन का टीका न लें।
यहां यह जानना जरूरी है कि सरकार ने भी एक दिशा-निर्देश जारी कर बीते दिनों स्पष्ट कर दिया था कि गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन लेने की अभी जरूरत नहीं है। भारत बायोटेक ने वैक्सीन की संभावित प्रतिकूल घटनाओं और वैक्सीन के लिए योग्य लोगों का विवरण देते हुए यह फैक्टशीट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इसका बहुत ही कम चांस है कि कोवैक्सीन से सांस लेने में कठिनाई, चेहरे/गले की सूजन/ तेजी से दिल धड़कना, पूरे शरीर में चकत्ते और कमजोरी सहित एलर्जी की गंभीर प्रतिक्रिया पैदा हो सकती हैं।
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फैक्टशीट में कहा गया है कि क्या आप नियमित रूप से दवा ले रहे हैं या काफी समय से बीमार हैं? टीकाकरण अधिकारी को अपनी सभी चिकित्सा स्थितियों के बारे में बताएं। अगर हां तो कब से और किस हालत में हैं। कोवैक्सीन निर्माता ने आगे कहा कि टीकाकरण की दूसरी खुराक के बाद तीन महीने तक सभी टीका प्राप्तकर्ताओं का फॉलोअप किया जाएगा।
फैक्टशीट के मुताबिक, कोवैक्सीन (covaxine) के लगाए जाने पर अगर किसी लाभार्थी को कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या होती है अथवा वैक्सीन का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता तो उसे सरकारी अस्पताल में देखरेख की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इतना ही नहीं, गंभीर प्रतिकूल घटना के लिए मुआवजा भी प्रदान किया जाएगा।