खबर संसार हल्द्वानी।इस दाल की खिचड़ी और उसके सहायक बनते है उत्तरायणी का प्रसाद। जी हा खिचड़ी का आज के दिन बहुत महत्व है। और इसके सहायक के रूप में दही,आचार,पापड़,चटनी ,मूली बनते है।आज के ही दिन उड़द की खिचड़ी का दान भी किया जाता है और सेवन भी। क्योंकि इसका आज के दिन बहुत ही महत्पूर्ण प्रभाव पड़ता है। ग्रह नक्षत्र शांत करने में भी बड़ी भूमिका निभाते है।
इस दाल की खिचड़ी और उसके सहायक बनते है उत्तरायणी का प्रसाद
आपको बताए चले कि मकर संक्रांति के दिन उड़द की दाल की खिचड़ी बनाना बहुत ही शुभ माना जाता है। खिचड़ी के साथ चटनी,मूली,पापड़,देशी घी और आचार तथा दही इसके जायके को भी बड़ाने के काम करते है। आज के दिन उड़द की दाल की खिचड़ी तो बनाते ही हैं साथ ही दान भी करते हैं बाबा गोरखनाथ के समय से मकर सक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने और बांटने का रिवाज शुरू हुआ था इसका संबंध ग्रह नक्षत्र से भी होता है। जो की इनको शांत करने में अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभाते हैं। चंद्रमा मजबूत करने के लिए चावल खाए जाते और खिचड़ी से भी यह ग्रह मजबूत होता है नमक को शुक्र का हल्दी को गुरु का हरी सब्जियों को बुध का कारक माना जाता है इसलिए खिचड़ी खाने से आपके सभी ग्रह मजबूत होते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त होती है