अगर आप इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने की सोच रहे है तो पहले यह जान ले की किस राज्य में कितनी अधिक subsidy मिल रही है नहीं तो आपका नुकसान हो सकता है। कई राज्य सरकारों ने इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने पर टैक्स में 75 प्रतिशत तक छूट देने का ऐलान किया है। अमूमन देश के हर राज्यों में इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 30 से 50 प्रतिशत तक subsidy दी जा रही है।
यूपी-बिहार जैसे राज्यों में तो इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने पर 50 से 75 प्रतिशत तक सब्सिडी मिल रही है। खासकर बिहार में इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने पर आपको टैक्स में 75 प्रतिशत छूट मिलेगी। नए साल में भी यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों ने subsidy जारी रखने का ऐलान किया है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि देश के किस राज्य में इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर सबसे ज्यादा सब्सिडी मिलती है।
यूपी में पहले दो लाख दोपहिया गाड़ियों पर 5000 रुपये के हिसाब से subsidy दी जा रही है। चार पहिया वाहनों पर 25000 प्रति वाहन की सीमा तक सब्सिडी मिल रही है। इसी तरह बस खरीदने पर 20 लाख रुपये तक सब्सिडी मिलती है। जिन लोगों ने 14 अक्टूबर 2022 के बाद उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदी है, वे लोग सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए upevsubsidy।in पोर्टल पर अप्लाई कर सकते हैं। यूपी में आपको 50 प्रतिशत तक सब्सिडी राशि मिलेगी।
UP-बिहार दे रहा है सबसे ज्यादा सब्सिडी
बिहार में दोपहिया वाहन, तिपहिया वाहन जिसमें मालवाहक एवं यात्री वाहन शामिल हैं, हल्के मोटरवाहन और भारी मोटरवाहन खरीदने पर टैक्स में 75 प्रतिशत छूट का प्रावधान किया गया है। बिहार सरकार ने साल 2028 तक राज्य के सभी पंजीकृत वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 15% रखने का लक्ष्य रखा है। दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रति किलोवाट 5,000 रुपये क्रय प्रोत्साहन यानी ‘पर्चेजिंग इंसेंटिव’ के तौर पर मिलेंगे। खरीदे गए पहले 10,000 इलेक्ट्रिक वाहनों पर आरक्षण कोटे वालों को अधिकतम 10,000 रुपये और अन्य श्रेणियों के लिए सब्सिडी की अधिकतम राशि 7,500 रुपये होगी।
महाराष्ट्र और गुजरात में मिल रहा subsidy
महाराष्ट्र में सभी इलेकट्रिक वाहनों के अलग-अलग श्रेणियों के लिए 5,000 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाता है। वहीं, दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी 10,000 रुपये, तिपहिया वाहनों के लिए 30,000 रुपये, चार पहिया वाहनों के लिए 1.5 लाख रुपये और ई-बसों के लिए 20 लाख रुपये तय की गई है। पुराने पेट्रोल दोपहिया वाहनों को नए ई-मॉडल से बदलने पर 7,000 रुपये तक का स्क्रैपिंग प्रोत्साहन दिया जाता है। वाहन निर्माताओं को 5 साल की वारंटी सब्सिडी भी मिलती है।
दिल्ली की 2020 ई-वाहन नीति में दोपहिया वाहन पर 5,000 रुपये/किलोवाट (अधिकतम 30,000 रुपये), तिपहिया वाहन पर 30,000 रुपये और 1.5 लाख रुपये की कार सब्सिडी दी जाती है। गुजरात 10,000 रुपये/किलोवाट पर उच्चतम सब्सिडी दर प्रदान करता है, दोपहिया वाहनों के लिए 20,000 रुपये, तिपहिया वाहनों के लिए 50,000 रुपये और कारों के लिए 1.5 लाख रुपये है। वहीं, चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए 10 लाख रुपये की सब्सिडी की पेशकश दी जाती है।