जी, हां अगर आप चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) करना चाहते है तो अब आप को और जेब ढीली करनी पड़ सकती है। इस बार चार धाम यात्रा के दौरान नगर पंचायत बदरीनाथ तीर्थयात्रियों को बद्रीनाथ धाम ले जाने वाले हेलीकॉप्टर संचालकों से ईको टूरिस्ट शुल्क (Eco-Tourist Fee) भी वसूलेगी।
प्रत्येक उड़ान के लिए शुल्क 1,000 रुपये निर्धारित किया गया है। सूत्रों ने कहा कि तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को ले जाने वाले देव दर्शनी पर बैरियर पर धाम तक ले जाने वाले वाहनों से जो इको-टूरिस्ट शुल्क लिया जाता था, वह अब इस यात्रा सीजन से हेलीकाप्टर कंपनियों से भी वसूला जाएगा।
अब यह शुल्क भी देना पड़ेगा
जानकारी के अनुसार नगर पंचायत ने शुल्क पुनरीक्षण की कार्रवाई शुरू कर दी है। सब डिविजनल मजिस्ट्रेट जोशीमठ और नगर पंचायत बदरीनाथ की प्रभारी अधिकारी कुमकुम जोशी ने कहा, ‘बद्रीनाथ धाम में इस बार ईको टैक्स में संशोधन किया गया है। वाहनों के साथ-साथ हेलीकॉप्टर कंपनियों से भी प्रति यात्रा 1,000 रुपये का पर्यटक शुल्क लिया जाएगा। नए शुल्क का उपयोग नगर पंचायत अपने स्तर पर पर्यावरण एवं पर्यटन विकास पर खर्च करेगी।
मसूरी की तर्ज पर नगर पंचायत बद्रीनाथ धाम में होने वाले विंटर कार्निवाल पर ईको टूरिस्ट फीस का 25 फीसदी खर्च करेगी। नगर पंचायत के कार्यपालन अधिकारी सुनील पुरोहित ने कहा, ‘मसूरी में जिस तरह ईको टूरिस्ट फीस लेकर विंटर कार्निवाल होता है, उसी तरह बद्रीनाथ धाम में भी विंटर कार्निवाल का आयोजन किया जाएगा।
बद्री केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेंद्र सिंह ने कहा, ‘बद्रीनाथ धाम को कचरा मुक्त बनाने की योजना के तहत तीर्थयात्रियों से ईको टूरिस्ट शुल्क के साथ 20 रुपये अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा, जिसके बदले में उन्हें एक थैला दिया जाएगा। तीर्थयात्री जब तक धाम में रहेंगे तब तक यह थैला उनके साथ रहेगा।
यात्री अपने थैले में जमा करेंगे कचरा
योगेंद्र सिंह ने बताया, ‘इस दौरान जो भी कचरा होगा यात्री अपने थैले में जमा करेंगे। कूड़े को थैले में भरकर प्रस्थान के समय बैरियर पर रखा जाएगा, जिस पर नगर पंचायत के कर्मचारी उनसे लिए गए 20 रुपये वापस कर देंगे। इससे धाम को प्लास्टिक व कचरामुक्त रखा जा सकेगा।
पिछली बार चारधाम तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 46,81,131 थी. इसमें 17,60,449 तीर्थयात्री बद्रीनाथ, 33,23,927 तीर्थयात्री केदारनाथ, 11,10,204 गंगोत्री और यमुनोत्री पहुंचे। साथ ही 247,000 तीर्थयात्री श्री हेमकुंट साहिब पहुंचे थे। इस साल की चारधाम यात्रा को लेकर सरकार के सामने चुनौतियां बहुत बड़ी हैं। जोशीमठ भूस्खलन एक बड़ा कारण है जिस पर सरकार मुख्य रूप से तीर्थयात्रियों की सुरक्षा पर ध्यान देगी।
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