नई दिल्ली, खबर संसार: नये श्रम कानून के साथ जुलाई से आपके pay scale में बदलाव होने जा रहा है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने सभी राज्यों को अगले दो महीने के भीतर लेबर कोड्स से जुड़े नियमों को फाइनल करने के लिए डेडलाइन तय की है।
सू़त्रों के अनुसार नए लेबर कानूनों को लागू करने के लिए श्रम मंत्रालय की ओर से जुलाई तक की डेडलाइन तय की गई है। जुलाई महीने से नये श्रम कानून लागू कर दिए जाएंगे। केंद्र सरकार की ओर से एक साथ ही सभी चारों लेबर कोड्स का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
ये भी पढ़ें- जाने क्यों फिर से रद्द हो सकती है सभी trains!
जानकारों की मानें तो नए लेबर कोड में pay scale की नई परिभाषा प्रस्तावित की गई है। इसके चलते कंपनियों को ग्रैच्युटी, छुट्टी के बदले पैसा और पीएफ के लिए ज्यादा रकम का प्रावधान करने की जरूरत होगी। नए प्रावधानों के तहत इसके वित्तीय असर के आकलन के बाद ही कंपनियां दूसरी छमाही में वेतन बजट की समीक्षा करेंगी।
ये होने जा रहे बदलाव
टेक होम सैलरी घटने के कई कारण हैं। पहला, इस कोड के मुताबिक कंपनियों को सीटीसी या कुल pay scale में बेसिक वेतन का हिस्सा कम से कम 50 प्रतिशत करना होगा। ऐसा करने पर आपकी टेक होम सैलरी तो कम हो जाएगी। हालांकि, ग्रैच्युटी की रकम और कर्मचारी व कंपनी दोनों का पीएफ अंशदान का प्रतिशत बढ़ जाएगा। ऐसे में कहा जा रहा है कि हाई और मिड सैलरी ग्रुप पर तो ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन जिन लोगों की सैलरी कम है, उनकी टेक होम सैलरी पर 25 से 30 प्रतिशत तक असर पड़ सकता है।
सैलरी और बोनस से जुड़े प्रावधानों में बदलाव
किसी भी संस्था में कार्य करने वाले कर्मचारियों के अलावा असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए भी लागू होगा। इसके तहत कर्मचारियों की pay scale और बोनस से जुड़े प्रावधानों में बदलाव होंगे। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि हर इंडस्ट्री, बिजनेस, ट्रेड आदि में एक ही स्तर के काम करने वाले कर्मचारियों को एक समान सैलरी मिलेगी। ओएसएच कोड के तहत वर्कर्स के स्वास्थ्य और सुरक्षा को रगुलेट किया जाएगा। किसी भी संस्थान में 10 या इससे ज्यादा कर्मचारियों की संख्या है तो वहां इस कोड का पालन करना अनिवार्य होगा।