झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी द्वारा बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) की सार्वजनिक आलोचना के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। एक जनसभा में उन्होंने आरोप लगाया कि BLO मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को बाधित कर रहे हैं। उन्होंने कथित तौर पर लोगों से कहा कि यदि कोई BLO SIR से जुड़े कार्य के लिए घर आए तो उन्हें रोकने से न हिचकें। इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने कड़ी नाराज़गी जताते हुए जामताड़ा जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।
इरफान अंसारी का पलटवार: बयान को संदर्भ से तोड़ा गया
विवाद बढ़ने के बाद मंत्री अंसारी ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में पेश किया गया। उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग नकली BLO बनकर गरीबों से पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे फर्जी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि “BLO सम्मानित अधिकारी हैं, मैं उनके खिलाफ नहीं हूं।”
अंसारी ने कहा कि SIR प्रक्रिया लाखों लोगों को प्रभावित करेगी, इसलिए इसे पारदर्शी तरीके से लागू किया जाना चाहिए ताकि किसी गरीब या वंचित व्यक्ति का नाम गलत तरीके से मतदाता सूची से न कटे।
कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी बहस
कांग्रेस की झारखंड इकाई ने पहले ही SIR को लेकर बूथ लेवल एजेंटों की तैनाती तेज़ करने की घोषणा कर दी थी। वहीं भाजपा इस प्रक्रिया को मतदाता सूची को अद्यतन करने के लिए ज़रूरी बता रही है। बीजेपी का तर्क है कि मृत, डुप्लिकेट और अयोग्य नाम हटाने से चुनावी विश्वसनीयता बढ़ती है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अंसारी पर तीखा हमला करते हुए उनके बयान को “गैर-ज़िम्मेदाराना” बताया। उन्होंने कहा कि BLO के कार्य में बाधा डालने की बात लोकतांत्रिक प्रणाली का अपमान है और इससे भ्रम फैलता है।
SIR प्रक्रिया पर बढ़ती राजनीतिक गर्मी
झारखंड में SIR को लेकर सक्रिय बहस जारी है। एक तरफ सरकार और चुनाव आयोग मतदाता सूची को अद्यतन रखने की वकालत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर स्थानीय नेताओं की चिंताएँ भी सामने आ रही हैं। अंसारी के बयान ने इस मुद्दे को और राजनीतिक रंग दे दिया है।
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