भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 2017 विश्व कप फाइनल में मिली हार के बाद उस दौर को याद किया जब पूरा देश निराश था। लॉर्ड्स में इंग्लैंड से 9 रनों की हार ने भारत को झकझोर दिया था, लेकिन इसी हार ने टीम को जीत की नई राह दिखाई। हरमनप्रीत ने कहा कि जब खिलाड़ी भारी मन से स्वदेश लौटे, तब भारतीय प्रशंसकों के समर्थन ने टीम का हौसला बढ़ाया और यही समर्थन आगे चलकर प्रेरणा बन गया।
बीसीसीआई द्वारा जारी वीडियो में हरमनप्रीत ने बताया, “2017 विश्व कप के बाद हमें लगा कि हम जीत के बहुत करीब थे। लेकिन फैंस ने हमें दिखाया कि पूरा देश हमारे साथ है, और उसी दिन से हमने सपना देखा कि एक दिन यह ट्रॉफी हमारे देश आएगी।”
8 साल बाद मिला सुनहरा सपना
आठ साल बाद आखिरकार नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर महिला विश्व कप 2025 अपने नाम किया। शेफाली वर्मा (87) और दीप्ति शर्मा (58) की शानदार पारियों ने भारत को 298/7 का मजबूत स्कोर दिया।
जवाब में, दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लॉरा वोल्वार्ड्ट ने 101 रन की पारी खेली, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने उन्हें टिकने नहीं दिया। अंत में दीप्ति शर्मा ने आखिरी विकेट लिया और पूरा स्टेडियम “भारत माता की जय” के नारों से गूंज उठा।
भावुक हुई हरमनप्रीत, बोलीं – बचपन का सपना पूरा हुआ
खिताब जीतने के बाद हरमनप्रीत भावुक हो गईं। उन्होंने कहा, “ट्रॉफी जीतना मेरा बचपन का सपना था। इतने सालों की मेहनत के बाद यह पल मेरे लिए जादू जैसा है। अब हम सच में विश्व चैंपियन हैं।” इस जीत के साथ भारतीय महिला क्रिकेट ने इतिहास रच दिया और 2017 की अधूरी कहानी को एक शानदार अंजाम दिया।
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