Sunday, December 10, 2023
spot_img
spot_img
HomeAdministrativeलाक्षागृह या मजार, 53 साल पुराने मामले में सिविल कोर्ट में क्या...

लाक्षागृह या मजार, 53 साल पुराने मामले में सिविल कोर्ट में क्या हुआ जाने?

आप काशी के ज्ञानवापी मस्जिद के बारे में जानते होंगे। आपने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के बारे में भी सुना होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि उत्तर प्रदेश के बागपत में भी एक ऐसी जगह है जिसपर धर्म युद्ध छिड़ा है। लाक्षागृह और मजार को लेकर चल रहे विवाद पर 53 साल बाद अदालत अपना फैसला सुनाने वाली थी।

लेकिन जजमेंट अगली तारीख के लिए टल गई है। हापु़ड़ में हुए लाठीचार्ज के खिलाफ वकीलों के हड़ताल पर होने की वजह से सिविल कोर्ट ने जजमेंट नहीं सुनाया। अगली तारीख में जजमेंट आएगा। जिसके बाद ये साफ होगा कि विवादित स्थल पर किसका हक है।

दिल्ली से 90 किलोमीटर दूर बागपत के बरनावा में 108 बीघा जमीन को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष आमने सामने हैं। जिस जगह पर विवाद है उसे हिंदू पक्ष पांडवों का लाक्षागृह बताते हैं। जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ये उनका कब्रिस्तान है। पूरा विवाद साल 1970 में शुरू हुआ था।

मुस्लिम पक्ष की तरफ से मुकीम खान ने लाक्षागृह टीले को बदरुद्दीन शाह की मजार और कब्रिस्तान बताते हुए मुकदमा दाखिल किया था। जिसमें ब्रह्मचारी कृष्णदत्त महाराज को प्रतिवादी बनाया था। लाक्षागृह टीले को 100 बीघा के करीब भूमि पर मालिकाना हक को लेकर पिछले 53 साल से ये विवाद चल रहा था।

लाक्षागृह होता क्या है

ये एक तरीके का भवन होता है जो लाख का बना होता है। लाख एक ऐसा पदार्थ है जो बहुत तेजी से आग पकड़ लेता है। इसी लाक्षागृह का जिक्र महाभारत की कथाओं में भी है। महाभारत की कथा के मुताबिक दुर्योधन हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठना चाहता था। इसलिए उसने पांडवों के पूरे परिवार को जलाकर मारने की साजिश रची थी।

दुर्योधन ने अपने मंत्री से एक लाक्षागृह बनवाया। इसको लाख, मोम, घी और तेल से मिलकर बनाया गया। इसे वारणावत नाम की जगह पर बनवाया गया। जिसे मौजूदा वक्त में बरनावा भी कहा जाता है। धृतराष्ट्र ने लाक्षागृह में पांडवों को रुकने के लिए कहा।

इसे भी पढ़े- पवन खेड़ा की कोर्ट में होगी पेशी, ट्रांजिट रिमांड पर असम ले जाएगी पुलिस

RELATED ARTICLES
-Advertisement-spot_img

Most Popular

About Khabar Sansar

Khabar Sansar (Khabarsansar) is Uttarakhand No.1 Hindi News Portal. We publish Local and State News, National News, World News & more from all over the strength.