केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लागू की गई चार नई श्रम संहिताओं की खुलकर सराहना की। राष्ट्रीय राजधानी में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि ये संहिताएँ भारतीय कार्यबल के लिए गेम-चेंजर साबित होंगी।
गोयल के अनुसार, ये चारों श्रम संहिताएँ उन 29 बिखरे हुए श्रम कानूनों का सुव्यवस्थित और संतुलित संयोजन हैं, जिन्होंने वर्षों तक श्रमिक व्यवस्था को जटिल बनाए रखा। उन्होंने कहा कि देश के 140 करोड़ लोग प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा करते हैं और इन श्रम सुधारों का नियोक्ताओं तथा श्रमिक संगठनों दोनों ने स्वागत किया है।
न्यूनतम वेतन, सुरक्षा और महिलाओं के लिए बेहतर अवसर
गोयल ने बताया कि नई श्रम संहिताएँ न्यूनतम वेतन, व्यावसायिक सुरक्षा, गिग वर्कर्स और महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा को नई मजबूती प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा, “ये संहिताएँ न्यूनतम वेतन और समय पर भुगतान सुनिश्चित करती हैं, गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा का दायरा देती हैं और महिलाओं के लिए सुरक्षित एवं व्यापक अवसर प्रदान करती हैं। राज्य सरकारें इन कोड्स का पूरा लाभ उठाने के लिए जल्द ही कानूनी ढाँचा तैयार करेंगी।”
चारों श्रम संहिताएँ अब पूरे देश में लागू
पिछले शुक्रवार केंद्रीय सरकार ने औपचारिक घोषणा की कि चारों श्रम संहिताएँ—
- वेतन संहिता 2019
- औद्योगिक संबंध संहिता 2020
- सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020
- व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा संहिता 2020
अब तत्काल प्रभाव से लागू हो चुकी हैं। सरकार के अनुसार, यह कदम श्रम क्षेत्र को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में ऐतिहासिक है।
महिलाओं को मिलेगा बड़ा लाभ, खुले कई रोजगार क्षेत्र
नई श्रम संहिताओं का सबसे बड़ा फायदा महिलाओं को होगा। इनमें
- लैंगिक भेदभाव पर रोक
- समान वेतन का प्रावधान
- भूमिगत खनन और भारी मशीनरी सहित सभी सेक्टरों में काम की अनुमति
- सुरक्षा के साथ रात्रि पाली में काम करने की सहमति
जैसे महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं। इसके अलावा वर्क-फ्रॉम-होम जैसी लचीली व्यवस्था भी महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी बढ़ाने में मदद करेगी।
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