खबर संसार किच्छा-दिलीप अरोरा । आखिर चिराग से बहार कब आएगा रपटा पुल का जिन्ना ? जी हां बार ज़ब भी मानसून दस्तक देता है तब तब किच्छा विधान सभा के गोला पार गांव के लोगो को गोला नदी डराने लग जाती है।इसकी वजहा भी है वजहा है की बहुत वर्षो से किच्छा विधान सभा के गोला पार के लोग बजार करने के लिए किच्छा तक आने के लिए इसी रास्ते का उपयोग अपनी जान हथेली पर लेकर करते रहे है।ज़ब गोला नदी मे पानी कम या घुटनो तक होता है तो भी लोग ज्यादातर इसी रास्ते से अपने दो पहिया वाहन और साईकिल से आते है। लेकिन ज़ब भी मानसून दस्तक देता है यह गोला नदी अपना रोद्र रूप दिखाने से भी पीछे नहीं हटती है।
इसी वजहा से आज तक बहुत से लोग अपनी जान गवा चूके है।
अगर हम समाजिक दृष्टि से इस रास्ते की बात करें तो यह गोला पार के लोगो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्योंकि गोला पार करीब आधा दर्जन गांव है जिनमे रहने वाले लोगो की आबादी हजारों मे है।यही हजारों लोग मे प्रतिदिन किच्छा आने वाले लोगो की संख्या भी अच्छी है।गोला नदी मे पानी का स्तर बढ़ जाने से इन लोगो को एन एच 74 का इस्तेमाल करके पुलभट्टा से होते हुए किच्छा आना पड़ता है जिससे लोगो को सड़क दुर्घटना का भय भी बना रहता है और धूल मिट्टी का भी सामना करने के साथ साथ समय की भी बर्बादी करनी पढ़ती है।
इस रास्ते से आने पर कम से कम 15 से 20 मिनट लगते है। तो वही गोला नदी के रास्ते से आने पर सिर्फ 3 मिनट ही लगते है।अर्थात यदि यहां पुल होता तो गोला पार की जनता बारिश के समय मे भी इस रास्ते का इस्तेमाल करकर खुद का समय भी बचाती और स्वयं को हादसों और प्रदूषण से भी।
बहुत समय से यह मांग भी उठती रही की यहां एक ऐसा पुल हो जिसपर से चार पहिया वाहन भी आसानी से गुजर सके। लेकिन कभी किसी ने नहीं सुनी।लेकिन कुछ वर्ष पूर्व किच्छा विधायक ने यब काम किया और इस पर रपटा पुल का निर्माण कराने की बात कही। जिसके लिए सिडकुल सितारगंज का भी सहयोग लिया गया और एक कमेटी बनाई गयी जिसके बाद उस समय मौजूद एसडीएम नरेश दुर्गापाल की मौजूदगी मे ही विधायक शुक्ला ने इस नदी पर रपटा पुल के निर्माण का नारियल भी फोडा था ।और इससे क्षेत्रीय विधायक ने खूब प्रशंसा भी बाटोरी।
पर जनता बेचारी को क्या पता था की उनकी इस समस्या के समाधान के लिए जिस रपटा पुल रूपी जिन को बुलाया गया है वह वापिस अपने चिराग मे जाकर छुप जायेगा। और यह पुल भी भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ जायेगा। फिलहाल इस पर जाँच भी बैठी और इसका निर्माण भी रोक दिया गया।और इसी अधूरे पुल की वजहा से नदी ने अपना रास्ता बदल दिया और पुल के आगे से बहने लगी और तब से अभी तक वहा की मिट्टी भी लगातार कटती जा रही है।और नदी की वजहा से इस अधूरे पुल से नदी पार की दूरी भी लगातार बढ़ती जा रही है। तो क्या अब यह पुल कभी नहीं बनेगा क्या विधायक शुक्ला इस पुल को बनाने मे कोई ठोस पहल नहीं करेंगे। फिलहाल चुनाव नजदीक है और लोगो मे गुस्सा भी मौजूद है। आने वाले चुनाव मे विधायक को गोला पार के गांव के लोगो का गुस्सा भी झेलना पड़ सकता है। अब ज़ब प्रशंसा मिली है निर्माण के समय मे तो गुस्सा भी जरूर मिलेगा।
तो क्या रपटा पुल का जिन्न अपने चिराग से कभी बहार नहीं आ पायेगा क्या गोला नदी का भूत ऐसे ही लोगो को डर के साय मे जीने पर मजबूर करता रहेगा। जो भी हो फिलहाल किसी को तो फिर से हिम्मत करनी ही पड़ेगी इस चिराग को घिसने की ताकि रपटा पुल का जिन अपनी गहरी नींद से जागे और बहार आये। इस पर स्थानीय नेता हरीश पनेरू ने कहा की विधायक की जवाब देहि इस पर बनती है की वह जनता को बताये की इसके घोटाले मे कौन कौन लोग दोषी थे और मौजूदा भाजपा सरकार के क्षेत्र मे विधायक है तो अब तक इन्होने इसमें किसको सजा दिलवाई।और अब तक इसका निर्माण क्यों नहीं करवा सके जबकि इतने समय से यह निर्माणाधीन है।
इस पर वार्ड 6 की सभासद सिमरनजीत कौर ने कहा की इस पुल का शीघ्र निर्माण होना ही चाहिए। क्योंकि इसकी आधारशीला रखते वक़्त मौजूदा एसडीएम और यही विधायक थे। ज़ब इनको इसके लिए जनता से वहा वहाई मिली थी तो क्या अब इनका कोई फर्ज नहीं है की इस समस्या पर पुनः ध्यान दिया जाये।और इसका निर्माण शीघ्र से शीघ्र किया जाये। अब फिलहाल जो भी है इस जिन्न के चिराग को कांग्रेस घिसे या भाजपा फिलहाल यह रपटा पुल का जिन्न बहार आना चाहिए ताकि भोली भली जनता को इस समस्या से निजात मिल सके। अब देखना दिलचस्प होगा की आगे इस मुद्दे को कौन मजबूती से उठाता है। और किसकी मेहनत रंग लाती है। और भविष्य के गर्भ मे छुपा है की कब तक इसका निर्माण होता है।