जिस थाली में खाया उसी में छेद किया। बांग्लादेश की मोहम्मद युनूस सरकार ने हाल ही में भारत के साथ कई महत्वपूर्ण डील्स की समीक्षा करने और उन्हें रद्द करने की धमकी दी थी। अब ये धमकी हकीकत में बदल गई है। बांग्लादेश ने भारत के साथ बैंडविड्थ समझौता रद्द कर दिया। ये समझौता पूर्वोत्तर राज्यों में इंटरनेट सेवाओं को मजबूत करने के लिए किया गया था। इस फैसले से भारत में बड़ा आक्रोश देखा जा रहा है। देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे। डॉक्टर्स से लेकर व्यापारी और होटल मालिक तक बांग्लादेश के नागरिकों के बहिष्कार की बातें कर रहे हैं।
दरअसल, बांग्लादेश ने भारत के साथ हुआ इंटरनेट बैंडविड्थ समझौता रद्द कर दिया है। इस समझौते के तहत बांग्लादेश की दो बड़ी कंपनियां समिट कम्युनिकेशन और फाइबर एट द होम भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराती थी। ये डील भारत की एयरटेल कंपनी के साथ थी। इसके तहत अखोड़ा सीमा के जरिए पूर्वोत्तर राज्यों में इंटरनेट पहुंचाया जा रहा था। बांग्लादेश सरकार का कहना है कि इस समझौते से उनके क्षेत्रीय इंटरनेट की क्षमता पर असर पड़ रहा था। इस फैसले को भारत के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
डॉक्टरों ने बांग्लादेशी मरीजों का इलाज करने से मना कर दिया
इस फैसले से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाना था। बांग्लादेश के इस फैसले ने भारतीय नागरिकों को गुस्से से भर दिया। पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में एक क्लिनिक ने बांग्लादेशी मरीजों का इलाज करने से मना कर दिया। क्लिनिक के बाहर एक पोस्टर लगाया गया जिसमें लिखा था कि बांग्लादेशी नागरिक भारत के तिरंगे को प्रणाम करने के बाद ही एंट्री पा सकेंगे। डॉक्टर का कहना था कि जो भारत का सम्मान नहीं कर सकते उनका इलाज भारत में क्यों हो। इसके अलावा असम के बराक घाटी में होटल और रेस्टोरेंट ने बांग्लादेशी नागरिकों को एंट्री देने से इनकार कर दिया। बराक घाटी होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबूराव ने कहा कि जब तक बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार बंद नहीं होते तब तक हम बांग्लादेशियों का बहिष्कार करेंगे।
कोलकाता के पास साल्ट लेक इंटरनेशनल बस टर्मिनल के बाहर प्रदर्शन में शामिल प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की ढाकाई जामदानी साड़ियों को आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेशी सामानों के बहिष्कार का आह्वान किया तथा चेतावनी दी कि यदि तिरंगे का अपमान और हिंदुओं पर हमले जारी रहे तो भारतीय चुप नहीं बैठेंगे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम बांग्लादेश में हिंदुओं को लगातार निशाना बनाए जाने और भारत के खिलाफ नफरत से प्रेरित बयानों की निंदा करते हैं। हम चुप नहीं बैठेंगे और जामदानी साड़ियों को जलाने के साथ ही हम लोगों से बांग्लादेशी उत्पादों का बहिष्कार करने का आग्रह करते हैं।
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