नई दिल्ली, खबर संसार। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार सबको वैक्सीन देने के लिए तैयार है। दिल्ली (Delhi) में रहने वालों को कोविड वैक्सीन देने की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं।
प्रॉयरिटी ग्रुप्स की पहचान हो गई है और शुरू में जिन्हें टीका लगेगा, उनकी लिस्ट अगले एक हफ्ते में तैयार हो जाएगी। केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में शुरुआती अभियान के तहत 51 लाख लोगों को टीका लगेगा। इसके लिए 1.02 करोड़ डोज की जरूरत पड़ेगी। फिलहाल दिल्ली सरकार के पास 74 लाख डोज स्टोर करने की क्षमता है जिसे बढ़ाया जा रहा है।
केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार ने केंद्र की प्रॉयरिटी लिस्ट के अनुसार, लाभार्थियों की पहचान कर ली है। पहले कैटेगरी में डॉक्टर, नर्सेज, पैरामेडिक्स को मिलाकर करीब 3 लाख हेल्थकेयर वर्कर्स हैं। पुलिस, सिविल डिफेंस, नगर निगम में काम करने वाले लगभग 6 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स दूसरी कैटेगरी में हैं। तीसरी कैटेगरी में 42 लाख लोग होंगे।
ये वो लोग हैं जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है या उम्र 50 से कम हैं मगर को-मॉर्बिडिटी वाले हैं। केजरीवाल ने कहा कि हफ्ते भर के भीतर इन सभी की लिस्ट तैयार कर ली जाएगी। यानी दिल्ली के कुल 51 लाख लोगों को शुरुआती चरण में टीका लगेगा। चूंकि वैक्सीन डबल डोज वाली है, इसका मतलब इनके लिए 1.02 करोड़ डोज की जरूरत पड़ेगी।
वैकसीन के लिए लोगों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी लोगों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘जब वैक्सीन आएगी तो जिन लोगों का रजिस्ट्रेशन है, उन्हीं को वैक्सीन सबसे पहले मिलेगी। जिनका रजिस्ट्रेशन है, उनको SMS के जरिए बता दिया जाएगा कि इस दिन यहां पर वैक्सीन के लिए पहुंचना है। सरकार दिल्ली वालों को जानकारी देगी।’
टीकों में पोर्क जलेटिन का इस्तेमाल नया नहीं है। वैक्सीन और पोर्क जलेटिन को लेकर विवाद की शुरुआत हुई इंडोनेशिया से। वहां के मुस्लिम समुदाय के बीच यह बात तेजी से फैली कि वैक्सीन में सुअर का मांस इस्तेमाल हुआ है और यह ‘हराम’ है। धीरे-धीरे दुनिया की बड़ी मुस्लिम आबादी के बीच इसपर चर्चा शुरू हो गई। जिसके बाद धर्मगुरुओं को आगे आकर बयान जारी करने पड़े हैं। इस्लामिक धर्मगुरुओं के बीच इस बात को लेकर असमंजस है कि सुअर के मांस का इस्तेमाल कर बनाए गए टीके इस्लामिक कानून के तहत जायज हैं या नहीं।
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