पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ 7 अरब डॉलर के ऋण कार्यक्रम की समीक्षा वार्ता की शुरुआत की। इस सफल वार्ता के परिणामस्वरूप पाकिस्तान को IMF से 1 बिलियन डॉलर की अगली किस्त जारी हो सकती है।
वित्त मंत्री औरंगजेब के नेतृत्व में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने आईएमएफ टीम को जुलाई से जनवरी तक की वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी दी। इस बैठक की अध्यक्षता आईएमएफ के प्रतिनिधिमंडल प्रमुख नाथन पोर्टर ने की, जिसमें राजकोषीय घाटा, प्रांतों के अधिशेष, और राजस्व संग्रह से जुड़े आंकड़े प्रस्तुत किए गए। सूत्रों के अनुसार, जुलाई से दिसंबर 2025 तक पाकिस्तान का राजकोषीय घाटा 1537 बिलियन रुपये दर्ज किया गया। इसके साथ ही, एफबीआर के अध्यक्ष राशिद महमूद लांगरियाल ने राजस्व संग्रह पर विस्तृत जानकारी दी।
प्रांतीय प्रतिनिधियों के साथ बैठक
वार्ता के दौरान पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठकें होंगी। आईएमएफ का नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल लगभग दो सप्ताह तक पाकिस्तान में रहेगा और देश के 2025-26 के संघीय बजट के लिए सिफारिशें भी देगा।
IMF की कड़ी शर्त
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान के रियल एस्टेट क्षेत्र में कर चोरी पर नकेल कसने की मांग की है। ARY न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में 1 बिलियन डॉलर के ऋण की किस्त को अनलॉक करने के लिए बातचीत शुरू हो गई है। नाथन पोर्टर के नेतृत्व में नौ सदस्यीय मिशन सोमवार (3 मार्च) को ही पाकिस्तान पहुंचा, ताकि अगले 1 बिलियन डॉलर की किस्त जारी करने का निर्धारण करने के लिए पाकिस्तान के आर्थिक प्रदर्शन का आकलन किया जा सके।
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