रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर यूक्रेन युद्ध को लेकर यूरोपीय देशों पर तीखा हमला बोला है। उनका कहना है कि यूरोप जानबूझकर अमेरिका को भड़का रहा है और शांति वार्ता को पटरी से उतार रहा है। पुतिन के अनुसार, यूरोपीय सरकारें अमेरिकी प्रशासन की ओर से संभावित समझौते की कोशिशों में बाधा बन रही हैं।
पुतिन का यह दावा ऐसे समय में आया है जब अमेरिका, रूस और यूक्रेन के बीच शांति प्रक्रिया को फिर से सक्रिय करने की कोशिशें चल रही हैं। लेकिन रूस का आरोप है कि यूरोप युद्ध को जारी रखना चाहता है और उसके पास किसी भी तरह का शांति एजेंडा नहीं है।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात से पहले पुतिन का बयान
क्रेमलिन में अमेरिकी राजदूत स्टीव विटकॉफ़ और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर से मुलाकात से पहले पुतिन ने कहा कि यूरोपीय देशों ने शांति प्रस्तावों में ऐसे संशोधन किए हैं जिन्हें रूस किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकता। पुतिन ने कहा—
“उनके पास शांति का कोई एजेंडा नहीं है, वे युद्ध के पक्ष में हैं। वे प्रस्तावों को बदलकर शांति प्रक्रिया रोक देते हैं और फिर दोष रूस पर डालते हैं।”
पुतिन ने एक बार फिर दावा किया कि रूस का यूरोप पर किसी तरह के हमले का इरादा नहीं है, और यूरोपीय नेताओं की चिंताएँ “राजनीतिक प्रचार” पर आधारित हैं।
अमेरिकी शांति प्रस्ताव और यूरोप की नाराजगी
अमेरिकी प्रतिनिधियों की मास्को यात्रा के दौरान 28-सूत्रीय शांति प्रस्ताव पर चर्चा हुई, जिसे बाद में यूरोपीय देशों और यूक्रेन की आपत्ति के कारण संशोधित किया गया। इन देशों का कहना था कि प्रारंभिक प्रस्ताव रूस की शर्तों के प्रति ज्यादा झुका हुआ था।
यूरोपीय राष्ट्रों ने चिंता जताई है कि किसी भी समझौते में यूक्रेन पर मौजूदा रूसी कब्जे वाले क्षेत्रों को छोड़ने का दबाव बन सकता है। 2022 में रूस के पूर्ण आक्रमण के बाद से यूरोप ने यूक्रेन को आर्थिक और सैन्य सहायता देने पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं।
उनका मानना है कि यदि
स को यूक्रेन में सफलता मिलती है, तो यूरोप के अन्य देशों के लिए खतरा बढ़ सकता है—खासतौर पर ऐसे समय में जब कई देशों ने रूसी ड्रोन, लड़ाकू विमानों और संभावित तोड़फोड़ गतिविधियों की शिकायत की है।
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