रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रक्षा मंत्रालय की सालाना बैठक में पश्चिमी देशों और यूरोपीय नेताओं पर तीखा हमला बोला। पुतिन ने यूरोपीय नेताओं को सीधे तौर पर “पिगलेट्स” यानी यंग पिग्स कह दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये नेता अमेरिका के इशारों पर रूस को कमजोर करने और उसे तोड़ने के सपने देख रहे थे, लेकिन उनका यह सपना अब पूरी तरह टूट चुका है।
पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों को उम्मीद थी कि रूस को कुछ ही समय में घुटनों पर ला दिया जाएगा और देश को टुकड़ों में बांट दिया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। रूस आज भी मजबूती के साथ खड़ा है।
अमेरिका और बाइडन प्रशासन पर निशाना
रूसी राष्ट्रपति ने विशेष रूप से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उस दौर में यूरोप के कई नेता रूस के पतन से फायदा उठाना चाहते थे और पुराने हिसाब-किताब चुकाने की सोच में थे। पुतिन के मुताबिक, पश्चिमी देशों की यह रणनीति पूरी तरह नाकाम रही।
नाटो पर झूठ फैलाने का आरोप
पुतिन ने नाटो देशों पर एक और बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जानबूझकर यह झूठ फैलाया जा रहा है कि रूस यूरोप पर हमला करने वाला है। उन्होंने इसे “सरासर बकवास” करार दिया और साफ किया कि रूस का यूरोप पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है। पुतिन का कहना है कि डर का माहौल बनाकर आम लोगों को भड़काया जा रहा है।
यूक्रेन को लेकर सैन्य चेतावनी
हालांकि पुतिन ने चेतावनी भी दी कि अगर यूक्रेन और उसके समर्थक देश बातचीत को लेकर गंभीर नहीं हुए, तो रूस सैन्य ताकत के दम पर आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि रूसी सेना हर मोर्चे पर आगे बढ़ रही है और जरूरत पड़ी तो नए इलाकों पर कब्जा किया जाएगा।
फिलहाल रूस यूक्रेन के करीब 19 प्रतिशत इलाके पर नियंत्रण कर चुका है, जिसमें क्रीमिया, डोनबास, हेरसोन और जापोरिजिया जैसे क्षेत्र शामिल हैं। मॉस्को इन इलाकों को अपना हिस्सा मानता है, जबकि यूक्रेन और पश्चिमी देश इसे मान्यता नहीं देते।
2026 में और तेज होंगे हमले
रूस के रक्षा मंत्री ने भी साफ कर दिया है कि 2026 में सैन्य कार्रवाई और तेज होगी और रूस अपनी जीडीपी का बड़ा हिस्सा युद्ध पर खर्च करने को तैयार है। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से एकजुट समर्थन की अपील की है। कुल मिलाकर पुतिन के इस बयान से साफ है कि रूस और पश्चिम के बीच टकराव अब बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है।
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