कनाडा सरकार ने भारत और कनाडा दोनों जगह आपराधिक गतिविधियों में लिप्त लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। कनाडा के मंत्री गैरी अनंदसंगरी ने कहा कि हिंसा और आतंक के लिए वहां कोई जगह नहीं है, खासकर जब यह किसी समुदाय विशेष को डराने के मकसद से किया जाए।
संपत्ति और फंड जब्ती का प्रावधान
इस फैसले के तहत गैंग से जुड़ी कनाडा में मौजूद संपत्तियां, गाड़ियां और फंड जब्त किए जा सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से इस गिरोह की मदद करता है, तो उसे भी अपराधी माना जाएगा। इसके साथ ही, कनाडा में आपराधिक संहिता के तहत सूचीबद्ध संगठनों की संख्या अब बढ़कर 88 हो गई है।
प्रवासी समुदाय पर असर
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बिश्नोई गिरोह कनाडा में भी मौजूद है और खासकर उन क्षेत्रों में सक्रिय है, जहां प्रवासी समुदाय बड़ी संख्या में रहते हैं। पुलिस ने कुछ जबरन वसूली के मामलों को इस गिरोह से जोड़ा है। गिरोह हत्या, गोलीबारी, आगजनी और धमकी जैसे अपराधों में शामिल है और प्रवासी समुदाय के बीच डर का माहौल बनाता है।
राजनीतिक दबाव और सुरक्षा लाभ
कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीव्रे, ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड एबी और अल्बर्टा की प्रीमियर डेनिएल स्मिथ ने पहले ही इस गिरोह को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग की थी। अब सरकार का यह कदम कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों को गिरोह की गतिविधियों से निपटने और समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
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