खबर संसार, नई दिल्ली: Amitabh और राजीव की दोस्ती बचपन से रही, जब राजीव महज 2 साल के थे और अमिताभ बच्चन की उम्र 4 साल थी। तब इस दोस्ती की शुरूआत हुई थी हरिबंशराय बच्चन और जवाहर लाल नेहरू से।
राजीव गांधी की वजह से ही Amitabh बच्चन ने राजनीति में कदम रखा था और यही वजह थी कि उनकी दोस्ती में दरार भी पड़ी। तो चलिए आपको बताते हैं राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन की दोस्ती के बारे में।
बेहद खास मित्र थे अमिताभ और राजीव गांधी
70 और 80 के दशक तक दोनों परिवारों में बहुत मेल जोल रहा, तब तक Amitabh बॉलीवुड जगत के जाने-माने स्टार बन गए थे। देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की और अमिताभ की दोस्ती एक दौड़ में खूब मशहूर हुआ करती थी। जब इंदिरा गांधी की मौत हो गई।
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उसके बाद 1984 में राजीव गांधी के कहने पर Amitabh राजनीति मेें आ गए। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से 1984 में लोकसभा चुनाव लड़ा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हेमवती नंदन बहुगुणा को हराकर संसद पहुंच गए। कहा जाता है कि उस समय हेमवती नंदन को हरा पाना बेहद मुश्किल था।
जब टूटा अमिताभ और गांधी परिवार में रिश्ता
उन दिनांे बोफोर्स घोटाले ने देश में तहलका मचा दिया। जिसके निशाने पर Amitabh भी आए। इस घटना की वजह से दोनों परिवारों के बीच रिश्ते खराब होने लगे थे, और दूरियां बढ़ती शुरू हो गईं थी। बाद में अचानक अमिताभ ने अपना कार्यकाल बीच में ही छोड़ 3 वर्ष के भीतर ही ही राजनीति को आलविदा कह दिया, और वापस फिल्मी दुनिया मंे चले गए।
अमिताभ को दोबारा राजनीति लाना चाहती थी कांग्रेस
साल 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद सब कुछ बदल गया। उनके जाने के बाद गाधी परिवार चाहता था कि बिग बी एक बार फिर राजनीति ज्वाइन कर लें क्योंकि वह उनके परिवार के बेहद करीब थे। लेकिन बिग बी ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया। जहां गांधी परिवार को लगा कि बच्चन परिवार ने उन्हें अकेला छोड़ दिया वहीं बच्चन परिवार का कहना था राजनीति में लाकर राजीव गांधी ने उन्हें बीच रास्ते में ही छोड़ दिया।