खबर संसार, नई दिल्ली: कोरोना महामारी का प्रकोप हर दिन अपने पांव पसार रहा है। मजबूत Immunity के लिए कोरोना के खिलाफ पूरी दुनिया के कई देशों में Corona का teeka लगाया जा रहा है। अभी तक दो शॉट्स के साथ Corona का teeka लोगों लगाया जा रहा है। वैज्ञानिक का कहना है कि हर वर्ष वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को Immunity के कमजोर होने का इशारा मानते हैं। लोगों को हर साल इस तरह के बूस्टर शॉट की जरूरत पड़ सकती है।
तीसरे डोज की भी पड़ सकती है जरूरत
बायोएनटेक की को-फाउंडर और CMO डॉक्टर ओजलेम ट्रूसी ने दिए इंटरव्यू में कहा है कि Corona का teeka की दो डोज दी जा रही हैं। लेकिन वायरस को रोकने के लिए Immunity मजबूत करने के लिए वैक्सीन की तीसरी डोज की जरूरत भी पड़ सकती है। इस बीच फाइजर की वैक्सीन को तैयार करने वाली कंपनी बायोएनटेक की चीफ मेडिकल ऑफिसर का कहना है कि लोगों को Corona का teeka का तीसरा शॉट भी लगवाना पड़ सकता है।
मजबूत इम्युनिटी के लिए है बूस्टर जरूरी
फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बोरला ने भी उनके इस बयान से सहमति जताई है। डॉक्टर ओजलेम ने ही फाइजर के साथ मिलकर इस वैक्सीन को डेवलप किया है।
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जिस तरह से हर साल सीजनल फ्लू से बचने के लिए लोग दवाई लेते हैं, उसी तरह से कोविड-19 की वैक्सीन हर साल लेनी पड़ सकती है। डॉक्टर ट्रूसी की मानें तो Corona का teeka से मिली हुई Immunity समय के साथ कमजोर पड़ सकती है।
हर साल लगवाना होगा तीसरा बूस्टर शॉट
डॉक्टर ट्रूसी के मुताबिक यह बात महत्वपूर्ण है कि वैज्ञानिक हर साल वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को इम्युनिटी के कमजोर होने का इशारा मानते हैं। लेकिन इसके साथ ही साथ ही कोविड-19 के खिलाफ प्राकृतिक Corona का teeka भी बहुत जरूरी है।
उनका कहना था कि 12 माह के अंदर पूरी तरह से वैक्सीनेट होने के बाद तीसरी बार वैक्सीन को लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। लोगों को हर साल इस तरह के बूस्टर शॉट की जरूरत पड़ सकती है।