नई दिल्ली: भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत करने वाला एक बड़ा कदम उठाया गया है। राफेल फाइटर जेट के लिए उपयोग होने वाली घातक HAMMER मिसाइल (Highly Agile Modular Munition Extended Range) अब भारत में ही निर्मित की जाएगी। इसके लिए भारत की सरकारी कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और फ्रांस की अग्रणी रक्षा कंपनी Safran Electronics & Defense (SED) के बीच करार फाइनल हो गया है। यह समझौता भारत को रक्षा विनिर्माण में और अधिक आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
HAMMER मिसाइल: क्या है इसकी खासियत?
HAMMER एक उन्नत एयर-टू-ग्राउंड प्रिसिजन गाइडेड वेपन है, जिसे आधुनिक युद्धक्षेत्र की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। यह कई तरह के टारगेट—बंकर, कमांड सेंटर, भूमिगत ठिकानों—को बेहद सटीकता से नष्ट करने की क्षमता रखती है। यह मिसाइल लगभग 70 किलोमीटर दूर से भी सटीक वार कर सकती है और उड़ान के दौरान अपने रास्ते में बदलाव करके लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
ऑपरेशन में पहले भी दिखा चुकी है ताकत
सूत्रों के अनुसार, भारत ने पहले भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जैश के ठिकानों पर हमले के लिए HAMMER मिसाइल का इस्तेमाल किया था। इसकी प्रिसिजन स्ट्राइक क्षमता ने इसे राफेल फाइटर्स के सबसे भरोसेमंद हथियारों में शामिल कर दिया है। बड़े पैमाने पर यह मिसाइल न केवल राफेल बल्कि भारतीय स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में भी लगाया जा सकेगा, जिससे भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।
भारत-फ्रांस डील क्यों है अहम?
BEL और Safran के बीच हुआ यह ज्वाइंट वेंचर भारत में हाई-टेक हथियार तकनीक लाने की दिशा में बड़ा कदम है। इस साझेदारी के तहत बन रही नई प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में दोनों की 50-50 हिस्सेदारी होगी। यह कंपनी भारत में HAMMER मिसाइलों के उत्पादन, सप्लाई और मेंटनेंस का काम देखेगी। इससे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को मजबूत समर्थन मिलना तय है।
किन अधिकारियों ने किए हस्ताक्षर?
इस महत्वपूर्ण समझौते पर BEL के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज जैन और Safran Electronics & Defense के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट एलेक्जेंडर जिग्लर ने हस्ताक्षर किए। साथ ही, इस मौके पर डिफेंस प्रोडक्शन सेक्रेट्री संजीव कुमार और Safran Electronics & Defense के CEO ओलिवियर एंड्रीस भी उपस्थित रहे।
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