देश में रहने वाले हर नागरिक के लिए पैन कार्ड सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक है। पहचान, बैंकिंग, बड़े वित्तीय लेनदेन, निवेश और आयकर रिटर्न दाखिल करने जैसे कई जरूरी कामों में इसकी जरूरत पड़ती है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति अपना पैन कार्ड आधार से लिंक नहीं करवाता है, तो यह भविष्य में बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है।
सरकारी नियमों के मुताबिक पैन और आधार की लिंकिंग अनिवार्य है, और इसके लिए 31 दिसंबर 2025 आखिरी तारीख तय की गई है। यदि इस अवधि तक लिंकिंग नहीं की गई, तो पैन कार्ड इनएक्टिव हो जाएगा और इसका उपयोग लगभग हर वित्तीय गतिविधि में रुक जाएगा।
इनएक्टिव पैन कार्ड से रुक जाएंगे ये काम
अगर पैन कार्ड इनएक्टिव हो जाता है, तो सबसे पहले इनकम टैक्स और बैंकिंग से जुड़े कामों पर असर पड़ेगा।
- नया बैंक खाता खोलना
- मौजूदा खाते को अपडेट करना
- फिक्स्ड डिपॉजिट या अन्य बैंकिंग निवेश
- बड़े वित्तीय लेनदेन
इन सभी प्रक्रियाओं में सक्रिय पैन कार्ड अनिवार्य है। बैंक इनएक्टिव पैन को स्वीकार नहीं करता और आपका आवेदन रोक दिया जाता है।
निवेश और ITR फाइलिंग भी प्रभावित होगी
इनवेस्टमेंट सेक्टर में पैन कार्ड की भूमिका और भी महत्वपूर्ण है। म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार और किसी भी सिक्योरिटी में निवेश बिना पैन के संभव नहीं है। इनएक्टिव पैन के कारण निवेश खाता ऑपरेट नहीं होगा, जिससे नए निवेश या लेनदेन रुक जाएंगे।
आईटीआर फाइलिंग भी इनएक्टिव पैन के साथ संभव नहीं होगी। इससे रिफंड में देरी हो सकती है और कई बार आपका रिटर्न रिजेक्ट भी हो सकता है। ऐसे में पूरी प्रक्रिया दोबारा करनी पड़ सकती है।
कैसे करें पैन–आधार लिंक?
लिंकिंग की प्रक्रिया सरल है और इसे ऑनलाइन पूरा किया जा सकता है।
- Income Tax e-filing पोर्टल पर जाएं।
- अपना पैन, आधार नंबर और मांगी गई जानकारी भरें।
- 1000 रुपये लेट फीस जमा करें।
लिंकिंग पूरी होने के बाद पैन कार्ड दोबारा एक्टिव हो जाता है।
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