सोमवार शाम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक कार में हुए उच्च-तीव्रता वाले विस्फोट ने पूरे देश को हिला दिया। इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई और 25 से अधिक लोग घायल हुए। प्रारंभिक फोरेंसिक जांच में पता चला है कि विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, ईंधन तेल और डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया था।
गृह मंत्रालय ने एनआईए को सौंपी जांच
गृह मंत्रालय (MHA) ने इस गंभीर आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी है। गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में गृह सचिव गोविंद मोहन, आईबी प्रमुख तपन डेका, दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा और एनआईए प्रमुख सदानंद वसंत दाते मौजूद रहे। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने डिजिटल माध्यम से हिस्सा लिया।
दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत दर्ज की एफआईआर
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को इस मामले में यूएपीए (UAPA) और विस्फोटक अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह हमला आतंकी साजिश का हिस्सा हो सकता है। राजधानी में कई जगहों पर छापेमारी चल रही है, जबकि हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ा आतंकी संदिग्ध
पुलिस सूत्रों ने बताया कि विस्फोट में इस्तेमाल हुई हुंडई i20 कार का चालक उमर मोहम्मद, पुलवामा का निवासी और पेशे से चिकित्सक था। उसका फरीदाबाद स्थित आतंकी मॉड्यूल से संबंध बताया जा रहा है। जांच में सामने आया है कि फरीदाबाद से हाल ही में 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया गया था।
दिल्ली में हाई अलर्ट, निगरानी बढ़ाई गई
घटना के बाद दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सीसीटीवी फुटेज में कार चालक की तस्वीर सामने आई है। सुरक्षा एजेंसियां इस हमले को संभावित आतंकी साजिश मानकर हर पहलू से जांच कर रही हैं।
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