खबर संसार हल्द्वानी आनंदम् – The Spirit of Celebration: बच्चों की मासूमियत और धार्मिक संस्कृति की झलकजी हा दी आनंदा एकेडमी, दहरिया में आनंदम् – The Spirit of Celebration का भव्य आयोजन किया गया,* जिसमें छोटे बच्चों ने अपनी मासूमियत और उत्साह से दर्शकों का दिल जीत लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण, भगवान श्रीराम, भगवान शिव, भगवान हनुमान, और अन्य देवताओं के जीवन की कहानियों का प्रसार करना है.
आनंदम् – The Spirit of Celebration: बच्चों की मासूमियत और धार्मिक संस्कृति की झलक
कार्यक्रम में बच्चों ने रंग-बिरंगी प्रस्तुतियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति और धार्मिक गाथाओं को जीवंत किया। बच्चों ने न केवल अपनी कला का प्रदर्शन किया बल्कि भगवान के जीवन की महत्वपूर्ण शिक्षाओं और मूल्यों को भी साझा किया।इस आयोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दोपहर में विद्यालय परिसर में रावण दहन भी रहा। छात्रों ने मिलकर रावण दहन कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जिससे बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया गया। बच्चों ने इस उत्सव के माध्यम से भगवान श्रीराम की विजयगाथा का प्रतीकात्मक अनुभव किया, जिसने सभी को भारतीय संस्कृति की समृद्धता की याद दिलाई.
बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया गया
दी आनंदा एकेडमी के प्रबंधक, भूपेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा, “आनंदम् का आयोजन हमारे बच्चों को भारतीय संस्कृति और धार्मिक शिक्षाओं से जोड़ने का एक प्रयास है। यह कार्यक्रम बच्चों के विकास के साथ-साथ समाज में सकारात्मकता और एकता की भावना को बढ़ावा देता है। हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे भारतीय परंपराओं और मूल्यों को समझें और उन्हें अपनी जीवन शैली में शामिल करें। हमें गर्व है कि हमारे बच्चे इस मंच पर अपने अद्भुत प्रदर्शन से सबका दिल जीत रहे हैं और इसी तरह आगे भी उनके विकास की दिशा में प्रयासरत रहेंगे.
मंच पर अपने अद्भुत प्रदर्शन से सबका दिल जीत
निदेशिका, दीक्षा बिष्ट ने कहा,* “आनंदम् बच्चों के लिए एक सीखने का अनुभव है, जहां वे न केवल कला और नाटक के माध्यम से प्रदर्शन करते हैं, बल्कि हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों के बारे में भी गहराई से समझते हैं। बच्चों की मासूमियत और उनकी सजीव प्रस्तुतियों ने दर्शकों के दिलों को छू लिया है।”प्रधानाचार्या, माया बिष्ट ने कहा,* “आनंदम् कार्यक्रम हमारी अकादमी की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य बच्चों को उनके सांस्कृतिक मूल्यों और धार्मिक धरोहरों से परिचित कराना है।”कार्यक्रम में उपस्थित अभिभावकों ने भी बच्चों की प्रस्तुति की सराहना की। उन्होंने कहा कि “बच्चों ने बहुत सुंदर तरीके से भारतीय संस्कृति को मंच पर उतारा है। यह उनके और हमारे लिए गर्व का क्षण है।” इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक, अभिभावक, और कर्मचारी भी उपस्थित रहे, जिनकी उपस्थिति ने बच्चों का उत्साह और भी बढ़ा दिया।