भारत का साथ पाने को बीएलए बेकरार, पाकिस्तान फिर से टूटने को तैयार? जी, हां भारत और पाकिस्तान के बीच जंग भले ही थम गई हो। लेकिन मुनीर आर्मी की मुसीबत अभी भी जारी है। पाकिस्तान बलूचिस्तान के मसले पर बुरी तरह फंसता हुआ दिख रहा है। बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी यानी बीएलए ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ अपना एक्शन और तेज कर दिया है। पाकिस्तानी फौज पर ताबड़तोड़ हो रहे ये हमले इसी की गवाही दे रहे हैं। बलूची आवाम के निशाने पर पाकिस्तान के सैन्य ठिकाने हैं। बलूचिस्तान की आजादी को लेकर बीएलए संघर्ष कर रही है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सेना और पुलिस के 39 ठिकानों को निशाना बनाने का दावा किया है।
बलूचों ने पाकिस्तान के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर रखा
पाकिस्तान पर भेदभाव, सैन्य सोशन और आर्थिक दमन का आरोप लगाते हुए लंबे वक्त से बलूच आजादी चाहते हैं। जिसके तहत आजाद बलूचिस्तान की मांग लंबे वक्त से उठ रही है। अपने इसी मांग को लेकर बलूचों ने पाकिस्तान के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर रखा है। जिसके चलते शहबाज और मुनीर आर्मी की मुसीबतें बढ़ी हुई है।
80 से ज्यादा हमले
बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने पाक आर्मी और खुफिया एजेंसी आईएसआई को निशाना बनाते हुए 80 से ज्यादा हमले किए हैं। बीते 24 घंटों में हुए इन हमलों में 60 से ज्यादा ठिकानों को निशाना बनाया गया। बीएलए ने जिन ठिकानों पर हमला किया, उनमें पाक सेना की चौकियां और आईएसआई के अड्डे शामिल थे। बीएलए ने कहा कि इन हमलों का उद्देश्य सिर्फ दुश्मन को नुकसान पहुंचाना नहीं था, बल्कि सैन्य समन्वय, जमीनी नियंत्रण और रक्षात्मक व्यवस्था की परीक्षा लेना था। इन हमलों को बीएलए ने पाकिस्तान के खिलाफ संगठित युद्ध की शुरुआत बताया है।
बीएलए ने कहा कि हमारी लड़ाई पाकिस्तान की सैन्य और खुफिया मशीनरी से है, जो दशकों से बलोच सरजमीं को गुलामी और आतंक की जंजीरों में बांधने की कोशिश कर रही संगठन ने आईएसआई को वैश्विक कवाद की फैक्ट्री करार देते हुए कहा किस्तान सिर्फ लश्कर-ए-तैयबा, ए-मोहम्मद और आईएसआईएस आतंकी संगठनों को पनाह ही नहीं देता, बल्कि खुद उन्हें पालता-पोसता है।
ग्वादर-कराची मार्ग पर अगले हफ्ते सेना को निशाना बनाने का दावा
बलूच लिबरेशन आर्मी ने नया अल्टीमेटम जारी किया है। इसमें बलुचिस्तान के मकरान क्षेत्र के नागरिकों से कहा गया है कि वे ग्वादर कराची राजमार्ग से दूर रहें। बीएलए ने कहा कि वह अगले हमलों की तैयारी कर रहा है। यह चेतावनी रविवार देर रात जारी की गई, जिसमें केच, पासनी और तुरबत जैसे इलाकों में पर्चे बाटे गए हैं। इन शहरों को बीएलए के गढ़ के रूप में जाना जाता है, जहां शाम के बाद बलूच विद्रोही खुलेआम घूमते हैं, जबकि पाकिस्तानी सैनिक बंकरों और शिविरों में छिपे रहते हैं।
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