ख़बर संसार हल्द्वानी. विवादित प्रॉपर्टी के चलते भाई ने भाई को गोली मारी! जी हा घटना रात्रि 11 बजे की है जब कमलुआगंजा में रामलीला चल रही थीं मृतक का बेटा रामलीला में परशुराम का किरदार निभा रहा था तब उमेश नैनवाल को चचेरे भाई दिनेश ने पीठ से सटाकर गोली मार दी. उमेश को गोली लगते ही वो गिर गया और मौके पर हड़कंप मच गया. उमेश को लोग उठाकर सेंट्रल हॉस्पिटल ले गए लेकिन डॉक्टर ने कहा अब कुछ नहीं बचा.
विवादित प्रॉपर्टी के चलते भाई ने भाई को गोली मारी!
दिनेश को पता था कि उमेश रामलीला में अपने बेटे आदित्य जो कि परशुराम का किरदार निभा रहा रामलीला में आएगा पूरी रणनीति के साथ उमेश को गोली मार दिनेश आसानी से फरार हो गया लोगो ने उसको गोली मारते देखा भी लेकिन किसी ने भी उसको पकड़ने की हिम्मत नहीं दिखाई पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है आरोपी का एक स्कूल भी बताया जा रहा है पाठकों को बताए चले कि दोनो के बीच करीब 20 बीघा जमीन का मामला बताया जा रहा है जो अधिवक्ता उमेश नैनवाल की जान की दुश्मन बन गई.
बेटे आदित्य जो कि परशुराम का किरदार निभा रहा रामलीला में आएगा पूरी रणनीति के साथ उमेश को गोली मार
हत्यारोपी चचेरे भाई ने कमलुवागांजा स्थित रामलीला मैदान में ही अधिवक्ता को गोली मार दी। अपना आधिपत्य स्थापित करने के लिए भाई को मौत के घाट उतारने वाला आरोपी भाई फिलहाल पुलिस की पकड़ से दूर है। हत्या से करीब छह महीने पहले ही अधिवक्ता उमेश नैनवाल ने मुखानी पुलिस को जान का खतरा जताते हुए शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस की बेपरवाही ऐसी रही कि कार्रवाई तो दूर आरोपी को पाबंद करने के बारे में भी नहीं सोचा.मृतक के भाई प्रदीप नैनवाल ने बताया कि दोनों भाइयों के बीच करीब बीस बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। जिस भू-खंड के लिए दोनों भाई एक-दूसरे से दुश्मनी पाले हुए थे उसका असल मालिक पहले ही मर चुका है.
भाई को मौत के घाट उतारने वाला आरोपी भाई फिलहाल पुलिस की पकड़ से दूर
करोड़ों की विवादित जमीन दोनों भाइयों के घर के बीच में स्थित है। यह विवाद और जान से मारने का खतरा कोई पहली बार नहीं था। पहले भी दोनों के बीच तनातनी का माहौल बन चुका था। सोमवार को आरोपी घात लगाए बैठा था। अधिवक्ता उमेश नैनवाल का बेटा आदित्य सोमवार को रामलीला में परशुराम का पात्र निभा रहा था। बेटे के अभिनय को देखने गए अधिवक्ता उमेश नैनवाल को मौका देख उनके चचेरे भाई ने मौत के घाट उतार दिया। जान का खतरा जताते हुए अधिवक्ता ने छह महीने पहले मुखानी थाने में शिकायत भी दी थी