Sunday, October 1, 2023
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चीन ने आख‍िर क्‍यों स्‍वाहा कर द‍िए इस इंटरनेशनल कंपनी के हजारों करोड़ डालर

iPhone निर्माता कंपनी Apple को बड़ा झटका लगा है. एप्पल को यह झटका चीन से लगा, जिसके फैसले से एप्पल की वैल्यू में भारी नुकसान हुआ। हाल ही में ऐसा हुआ कि एप्पल को महज दो दिन में यानी 200 अरब डॉलर का नुकसान हो गया। यह घाटा 20,000 करोड़ डॉलर से अधिक।

एप्पल के शेयरों की कीमत फिलहाल 178 डॉलर के आसपास है। हाल के दिनों में एप्पल के शेयरों में 6 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। यह फिलहाल अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर से काफी नीचे कारोबार कर रहा है। Apple के शेयरों का सर्वकालिक उच्चतम स्तर $198.23 है।

इस कीमत कटौती के कारण एप्पल को एमकैप घाटा हुआ। अभी दो दिन पहले ही एप्पल 3 ट्रिलियन डॉलर यानी 3 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की कंपनी थी। कंपनी का शुद्ध पूंजीकरण अब घटकर 279 करोड़ रुपये रह गया है। हालांकि, कंपनी को सिर्फ दो दिनों में 20,000 करोड़ डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ।

चीन ने लगाया है ये प्रतिबंध

दरअसल चीन ने iPhone के इस्तेमाल को रेगुलेट करने का निर्णय लिया है। इसके तहत Apple के इस्तेमाल पर पाबंदियां लगाई गई हैं। चीन ने अपने सरकारी अधिकारियों को एप्पल आईफोन का इस्तेमाल करने से मना किया है। खबरों की मानें तो चीन की योजना एप्पल के आईफोन पर लगाई गई पाबंदियों को और कड़ा करने की है। चीन की सरकार अपनी कंपनियों के कर्मचारियों को भी आईफोन के इस्तेमाल से प्रतिबंधित करना चाह रही है।

चीन के इस कदम ने एप्पल के शेयरों पर सीधा असर डाला है। यह असर अस्वाभाविक भी नहीं है। दरअसल एप्पल के लिए चीन कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण है। चीन एप्पल के लिए अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा बाजार और सबसे बड़ा विदेशी बाजार है। एप्पल खासकर आईफोन की ग्रोथ में चीन की खपत का बहुत बड़ा योगदान है।

मैन्यूफैक्चरिंग में चीन का बड़ा शेयर

दूसरी ओर iPhone समेत एप्पल के कई प्रोडक्ट की मैन्यूफैक्चरिंग का सबसे बड़ा बेस भी चीन ही है। एप्पल फॉक्सकॉन और उसके जैसी अन्य कांट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग फर्म से अपने डिवाइसेज बनवाती है। अभी फॉक्सकॉन ही एप्पल की सबसे बड़ी सप्लायर है, जिसका मैन्यूफैक्चरिंग बेस लंबे समय से चीन बना हुआ है।

एप्पल और उसकी सप्लायर कंपनियां चीन से मैन्यूफैक्चरिंग को शिफ्ट करने का प्रयास कर रही हैं। इसमें भारत एक बेहतर विकल्प बनकर उभरा है, लेकिन अभी भी कुल मैन्यूफैक्चरिंग में चीन का हिस्सा बहुत बड़ा है। स्वाभाविक है कि इन हालातों में चीन के द्वारा लगाई गई पाबंदियां एप्पल के ऊपर कई तरह से असर डाल रही हैं।

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