आप ने सही पढ़ा, वित्त वर्ष 2023-24 के वित्त विधेयक को लोकसभा से मंजूरी मिल गई है। लेकिन उसके पहले विधेयक पर बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है। टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है लेकिन जिनकी सालाना आय 7 लाख रुपये से थोड़ा ज्यादा है उन्हें राहत दी गई है।
नए टैक्स रिजिम के तहत 7 लाख रुपये तक सालाना आय पर टैक्सपेयर्स को कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा। लेकिन जिनकी सालाना आय मान लिजिए 7 लाख रुपये से थोड़ा ज्यादा है उन्होंने 7 लाख रुपये तक के इनकम पर मिलने वाला 25,000 रुपये के टैक्स रिबेट का लाभ नहीं मिलता।
उदाहरण के लिए मान लिजिए किसी टैक्सपेयर्स की इऩकम 7 लाख रुपये से उसे 25,000 रुपये टैक्स की बचत होगी। लेकिन किसी की सालाना आय 7,00,100 रुपये ( 7 लाख 100 रुपये) है उसे केवल 100 रुपये ज्यादा आय होने पर 25,010 रुपये टैक्स चुकाना पड़ता।
टैक्सपेयर्स को मामूली राहत देने का एलान भी किया
वित्त मंत्री ने वित्त विधेयक पारित होने के दौरान ऐसे टैक्सपेयर्स को मामूली राहत देने का एलान किया है। नए प्रस्ताव के मुताबिक अगर किसी टैक्सपेयर्स की सालाना इनकम 7,00,100 रुपये है उन्हें 25,010 रुपये टैक्स नहीं बल्कि केवल 100 रुपये टैक्स चुकाना होगा।
भले ही सरकार ने टैक्स छूट के दायरे को बढ़ा दिया हो लेकिन अगर किसी टैक्सपेयर्स की आय 7,01,000 रुपये सलाना होगी तो 25,000 रुपये टैक्स रिबेट का लाभ नहीं मिलेगा और ऐसे टैक्सपेयर्स को 25,100 रुपये और सेस को मिलाकर 26,140 रुपये टैक्स चुकाना होगा। यानि केवल 7 लाख रुपये के ऊपर केवल 1,000 रुपये के अतिरिक्त आय होने पर टैक्सपेयर्स को 26,140 रुपये टैक्स का भुगतान करना होगा।
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