खबर संसार नई दिल्ली. हर यौन संबंध दुष्कर्म नहीं कह सकते सुप्रीम कोर्ट की महत्पूर्ण टिप्पणी. जी है ताजा मामला महिला की शिकायत पर एक व्यक्ति के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 2021 में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया था। महिला ने आरोप लगाया था कि फला व्यक्ति ने उससे शादी करने और उसके दो बच्चों की देखरेख करने का वादा करते हुए उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाया। महिला और आरोपी व्यक्ति एक दूसरे को 2011 से जानते थे और दोनों के बीच 2016 में प्रेम हुआ.
हर यौन संबंध दुष्कर्म नहीं कह सकते सुप्रीम कोर्ट की महत्पूर्ण टिप्पणी
जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने दुष्कर्म मामले में दल्लिी हाईकोर्ट का फैसला रद्द करते हुए टिप्पणी की। शीर्ष अदालत ने बार-बार यह स्पष्ट किया कि महज शादी का वादा करके शारीरिक संबंध बनाने का हर मामला दुष्कर्म नहीं माना जाएगा। इतना ही नहीं, पीठ ने स्पष्ट किया कि आईपीसी की धारा 375 के तहत अपराध तभी बनता है, जब आरोपी द्वारा शादी का वादा सर्फि यौन संबंध बनाने की सहमति प्राप्त करने के उद्देश्य से किया गया हो और उसका शुरू से ही वादा पूरा करने का कोई इरादा न हो। पीठ ने नईम अहमद बनाम दिल्ली सरकार के मामले में शीर्ष अदालत द्वारा पारित पूर्व फैसले का हवाला देते हुए यह बात कही.