ईरान पर इजरायल के ताबड़तोड़ हमले के बाद पूरी दुनिया से इसे लेकर प्रतिक्रिया आ रही है। मीडिल ईस्ट में इस्लामिक देशों ने ईरान का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका खुले तौर पर इजरायल का समर्थन कर रहा है और कह रहा है कि अगर ईरान ने इजरायल पर हमला किया तो अमेरिका उसके बचाव में आ जाएगा।
इजरायल और अमेरिका मिलकर इस वक्त ईरान को तोड़ने में लगे हैं। इन सब के बीच टेंशन भारत को रही है। इस जंग में भारत की एंट्री भी हो गई है। इजरायल और ईरान के बीच जारी जंग को देखते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से दोनों को हिदायत भी दी गई है। अपील की गई कि इस युद्ध को रोक दिया जाए।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसको लेकर रिएक्शन दिया। विदेश मंत्रालय ने पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव को लेकर गहरी चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि इस तनाव से क्षेत्र और स्थिरता पर असर पड़ रहा है। निश्चित तौर पर दुनिया में इजरायल और ईरान के बीच जंग के बाद से तनाव बढ़ चुका है।
इजरायल और ईरान के बीच की जंग पूरी दुनिया के लिए एक खतरा पैदा कर रही
पहले रूस, यूक्रेन और अब इजरायल और ईरान के बीच की जंग पूरी दुनिया के लिए एक खतरा पैदा कर रही है। भारत ने सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्नान किया है। उसके साथ ही बातचीत के रास्ते पर लौटने की अपील की है। भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि इस संघर्ष से किसी का फायदा नहीं होने वाला है। इससे सिर्फ निर्दोष नागरिकों और बंधकों को ही नुकसान होगा।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम पश्चिम एशिया में बढ़ती हिंसा और क्षेत्र की शांति तथा स्थिरता पर इसके प्रभाव से बेहद चिंतित हैं। इसने कहा कि हम सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने और वार्ता तथा कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान दोहराते हैं। क्षेत्र में जारी युद्ध किसी के लिए भी हितकारी नहीं है। इससे निर्दोष बंधकों और नागरिकों को लगातार कष्ट झेलना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के बीच शुक्रवार को हुई बातचीत में पश्चिम एशिया संघर्ष पर विस्तार से चर्चा हुई थी।
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