राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद को किया संबोधित, जानें आर्थिक सर्वेक्षण की बातें जी, हां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ ही संसद का बजट सत्र शुरू हो गया। बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल तक दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। सत्र का पहला भाग 13 फरवरी को समाप्त होगा और दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया, जिसमें चालू वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का आधिकारिक आकलन प्रदान किया गया और देश के सामने आने वाली चुनौतियों की सूची दी गई।
मुर्मू के अभिभाषण की मुख्य बातें
- राष्ट्रपति ने प्रयागराज में हुए महाकुंभ हादसे पर दुख जताते हुए जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
- राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सरकार के तीसरे कार्यकाल में पिछली सरकारों की तुलना में तीन गुना तेजी से काम हो रहा है।
- सरकार ने तीन करोड़ अतिरिक्त परिवारों को नए घर उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना का विस्तार करने का निर्णय लिया है।
- आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा देने का फैसला हुआ है।
- मुर्मू ने कहा कि मेरी सरकार महिलाओं के नेतृत्व में देश को सशक्त बनाने में विश्वास करती है।
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 91 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को सशक्त किया जा रहा है।
- President ने कहा कि आज हमारे युवा स्टार्ट-अप और खेल से लेकर अंतरिक्ष तक, हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
- मेरी सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए आधुनिक शिक्षा प्रणाली तैयार कर रही है।
- मेरी सरकार ने नीतिगत पंगुता को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम किया है।
- राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटल धोखाधड़ी, साइबर अपराध और ‘डीपफेक’ सामाजिक, आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती है।
- भारत में आधुनिक और आत्मनिर्भर कृषि व्यवस्था हमारा लक्ष्य है, सरकार किसानों को फसल का उचित दाम दिलाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है।
- सहकारी क्षेत्र के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों से रोजगार के कई अवसर पैदा हो रहे हैं।
- मेरी सरकार ने दलितों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) को हमारी पहलों और योजनाओं का सबसे बड़ा लाभार्थी सुनिश्चित किया है।
- वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई अंतिम चरण में पहुंच गई है, प्रभावित जिलों की संख्या तेजी से घटकर 38 हो गई है।
- आज़ादी के दशकों बाद भी हमारे जिस जनजातीय एवं आदिवासी समाज की उपेक्षा होती रही, मेरी सरकार ने उसके कल्याण को पहली प्राथमिकता दी है।
आर्थिक सर्वेक्षण की मुख्य बातें
- भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 में 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में इसके 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान।
- भारत की आर्थिक बुनियाद मजबूत है, इसे संतुलित राजकोषीय सशक्तीकरण और स्थिर उपभोग का समर्थन प्राप्त है।
- वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतिक, विवेकपूर्ण नीति प्रबंधन और घरेलू बुनियादी सिद्धांतों को सुदृढ़ करने की आवश्यकता होगी।
- वैश्विक राजनीतिक, आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण मुद्रास्फीति का जोखिम बना हुआ है।
- उच्च सार्वजनिक पूंजीगत व्यय और बेहतर होती कारोबारी अपेक्षाओं से निवेश गतिविधि में तेजी आने की उम्मीद। – भारत को जमीनी स्तर पर संरचनात्मक सुधारों के माध्यम से अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करने की जरूरत है।
- विदेशी मुद्रा भंडार 640.3 अरब डॉलर पर, जो 10.9 महीने के आयात और 90 प्रतिशत बाह्य ऋण को कवर करने के लिए पर्याप्त है।
- भारत को निर्यात बढ़ाने और निवेश आकर्षित करने के लिए अपने प्रयासों को दोगुना करना चाहिए। ऐसा करने का एक तरीका यह है कि हम अपना पैमाना अपने अतीत के बजाय बाकी दुनिया के हिसाब से बनाएं।
- भारत को उच्च वृद्धि के लिए अगले दो दशक में बुनियादी ढांचे में निवेश को निरंतर बढ़ाने की जरूरत है।
- जलवायु-प्रतिरोधी फसल किस्मों को विकसित करने, उपज बढ़ाने और फसल क्षति को कम करने के लिए दलहन, तिलहन, टमाटर, प्याज उत्पादन बढ़ाने के लिए शोध की जरूरत है।
- भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए लगभग एक या दो दशक तक औसतन आठ प्रतिशत की दर से वृद्धि करनी होगी।
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