लेह में बुधवार (24 सितंबर) को केंद्र सरकार के खिलाफ Gen-Z छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के समर्थन में हजारों छात्र सड़कों पर उतर आए। इस दौरान प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हो गई। हालात बिगड़ते देख प्रदर्शनकारियों ने CRPF की गाड़ी तक को आग के हवाले कर दिया।
सोनम वांगचुक की मांग पर बढ़ा आंदोलन
सामाजिक और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक कई दिनों से अनशन पर बैठे हैं। उनकी प्रमुख मांग है कि लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल किया जाए और इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए। वांगचुक पहले भी दिल्ली तक लंबा मार्च निकाल चुके हैं और हाल ही में भूख हड़ताल कर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की थी।
छात्रों का समर्थन बना चुनौती
बुधवार को हुए प्रदर्शन ने यह साफ कर दिया कि अब लद्दाख के युवाओं का गुस्सा भी तेज हो चुका है। वांगचुक की अगुवाई में बनी लद्दाख एपेक्स बॉडी लगातार केंद्र से ठोस कदम उठाने की मांग कर रही है। लेकिन अब छात्रों का आंदोलन सरकार के लिए नई चुनौती बन गया है।
आर्टिकल 370 के बाद लद्दाख की स्थिति
5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया। एक ओर जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बना, जबकि दूसरी ओर लेह और कारगिल को मिलाकर अलग केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख बना। तब से ही स्थानीय लोगों और संगठनों की मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले और उसे संवैधानिक सुरक्षा दी जाए।
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